भूकम्प की तीव्रता को प्रभावित करने वाले कारक
भूकम्प की तीव्रता को प्रभावित करने वाले कारकों का विवरण निम्नलिखित है-
चट्टानी संरचना
पदार्थ का घनत्व बढ़ने के साथ-साथ भूकम्पी तरंगों की गति भी बढ़ती जाती है। अतः ऐसे चट्टानी क्षेत्र जिसका घनत्व अधिक हो, उसमें भूकम्प की तीव्रता भी अधिक रहती है, जबकि दलदली भाग में अपेक्षाकृत कम तीव्रता रहती है।
तरंगों की तीव्रता
तरंगों की तीव्रता बढ़ने के साथ-साथ भूकम्प की तीव्रता बढ़ती जाती है तथा कम होने के साथ ही कम होती जाती है।
भूकम्प मूल की गहराई
भूकम्प मूल की गहराई जितनी कम होगी, भूकम्प की तीव्रता उतनी ही अधिक होगी। अतः गहरे एवं मध्यम भूकम्प मूल वाले भूकम्पों की तुलना में कम भूकम्प मूल की गहराई वाले क्षेत्रों के भूकम्प अधिक विनाशकारी होते हैं।
पर्यावरण
जहां पेड़, पौधे एवं प्राकृतिक वनस्पतियां (जंगल) अत्यधिक मात्रा में होती हैं, वहां भूकम्प की तीव्रता कम रहती है। फलतः विनाश का खतरा भी कम रहता है। किन्तु निर्वनीकरण की क्रिया में वृद्धि से भूसंतुलन में अव्यवस्था उत्पन्न होती है, जिससे भूकम्पीय घटनाओं व तीव्रता में वृद्धि होती है।
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