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भूकम्प के प्रकार

भूकम्प मूल की गहराई के आधार पर भूकम्प तीन प्रकार के होते हैं-

  1. छिछले उद्गम केन्द्र के भूकम्प-भूकम्प मूल 0 से 50 किमी. की गहराई पर, अपेक्षाकृत अधिक विनाशकारी
  2. मध्यम उद्गम केन्द्र के भूकम्प-भूकम्प मूल 50 से 250 किमी. की गहराई पर
  3. गहरे उद्गम केन्द्र के भूकम्प-भूकम्प मूल 250 से 700 किमी. की गहराई पर
  • छिछले उद्गम केन्द्रों वाले भूकम्प सामान्यतः कम परिमाण (1 से 5 मैग्नीट्यूड) जबकि गहरे उद्गम केन्द्रों वाले भूकम्प सामान्यतः अधिक परिमाण (6 से 8 या अधिक मैग्नीट्यूड) वाले होते हैं।

उत्पत्ति के कारणों के आधार पर भी इसे (भूकम्प को) कई रूपों में वर्गीकृत किया गया है, जो निम्नलिखित हैं-

  • विवर्तनिकी क्रिया द्वारा उत्पन्न भूकम्प को 'सामान्य भूकम्प' या 'विवर्तनिक भूकम्प' कहते हैं। सामान्यतः इस तरह के भूकम्प अधिक आते हैं।
  • ज्वालामुखी क्रिया द्वारा उत्पन्न भूकम्प को 'ज्वालामुखीय भूकम्प' कहते हैं।
  • खनन क्षेत्रों में भूमिगत खानों की छतों के गिरने के कारण उत्पन्न भूकम्प को 'कोलैप्स भूकम्प' कहते हैं।
  • परमाणु या रासायनिक विस्फोट से उत्पन्न भूकम्प को 'विस्फोटक भूकम्प' कहते हैं।
  • बड़े बांधों के टूटने से उत्पन्न भूकम्प को 'बांध जनित भूकम्प' या 'कृत्रिम भूकम्प' कहते हैं।

 

भूकम्पीय तीव्रता का मापन

  • भूकम्पीय तरंगों का मापन 'सिस्मोग्राफ' नामक यंत्र के द्वारा किया जाता है, जिसमें भूकम्प की तीव्रता को मापने के लिए 'रिक्टर स्केल' का प्रयोग किया जाता है। इसे 'रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल' भी कहा जाता है।
  • भूकम्प की तरंगों को रिक्टर स्केल पर 0 से 10 तक के आधार पर मापा जाता है। इस स्केल के अन्तर्गत प्रति बढ़ते एक अंक के साथ भूकम्प की तीव्रता 10 गुना बढ़ती जाती है और भूकम्प के दौरान जो ऊर्जा निकलती है, वह प्रति बढ़ते अंक के साथ लगभग 32 गुना बढ़ती जाती है।
  • रिक्टर स्केल पैमाने को 'चार्ल्स रिक्टर' ने खोजा था इसलिये इनके नाम पर ही इसका नाम 'रिक्टर स्केल' रखा गया है। यह गणितीय मापक है, जो Log के आधार पर चलता है।
  • भूकम्प की तीव्रता गहनता व आघात मापने के लिए रिक्टर स्केल के अलावा संशोधित मरकेली स्केल का भी प्रयोग किया जाता है। मरकेली स्केल का नामकरण इसके विकासकर्ता 'जी. मरकेली' के नाम पर किया गया है।
  • इसमें भूकम्प को उसकी तीव्रता के बजाय उससे हुए नुकसान अर्थात आघात के आधार पर मापते हैं। इस पैमाने का प्रयोग कम होता है क्योंकि इसे रिक्टर की तुलना में कम वैज्ञानिक माना जाता है। यह अनुभव प्रधान स्केल है तथा इसका मापन 1 से 12 तक होता है।

EQ1

रिक्टर स्केल

मरकेली स्केल

  • इसमें 0 से 10 तक की संख्याएं होती हैं।
  • इसमें 1 से 12 तक की संख्याएं होती हैं।
  • यह 'ओपन-एन्डिड स्केल' है अर्थात यदि भविष्य में ऐसा भूकम्प उत्पन्न होता है, जिसमें ज्यादा ऊर्जा विमुक्त होती है तो इस स्केल का मान बढ़ाया जा सकता है।
  • यह 'क्लोज-एन्डिड' स्केल है।
  • यह लघुगणकीय पैमाना हैए जिसमें परिमाण में एक की वृद्धि होने पर तरंगों के आयाम में 10 गुना वृद्धि होती है। इसका अर्थ है कि रिक्टर स्केल का प्रत्येक स्तर  अपने पिछले स्तर की तुलना में 10 गुना ज्यादा मजबूत होता है।
  • यह सामान्य रेखीय स्केल है।
  • रिक्टर एक मात्रात्मक स्केल है, अतः इसमें वस्तुनिष्ठता होती है।
  • यह गुणात्मक स्केल है, जिसमें व्यक्तिनिष्ठता/आत्मनिष्ठता होती है।

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