• Have Any Questions
  • +91 6307281212
  • smartwayeducation.in@gmail.com

Study Material



ज्वालामुखी तथा भूकम्प

ज्वालामुखी का तात्पर्य उस छिद्र अथवा दरार से है जिसका संबंध पृथ्वी के आन्तरिक भाग से होता है, और जिसके माध्यम से तप्त गैस, तरल, लावा, राख, जलवाष्प आदि का निर्गमन होता है।

ज्वालामुखी क्रिया के अन्तर्गत मैग्मा के निकलने से लेकर धरातल या उसके अन्दर विभिन्न रूपों में इसके ठण्डा होने की प्रक्रिया शामिल होती है।

ज्वालामुखी क्रिया के दो रूप होते हैं। यथा-

(1)  धरातल के नीचे भूगर्भ में मैग्मा के शीतल होकर जमने की प्रक्रिया, जिससे बैथालिथ फैकोलिथ, लैपोलिथ, सिल तथा डाइक स्वरूप की अन्तः स्थलाकृतियों का निर्माण होता है। इसका विवेचन चट्टानों के अध्याय में किया गया है।

(2) दूसरे में धरातल के ऊपर घटित होने वाली क्रियाएं सम्मिलित होती है। इनमें प्रमुख हैं-

  • ज्वालामुखी
  • धरातलीय प्रवाह
  • गर्म जल के स्रोत
  • गेसर
  • धुँआरे

         इस व्याख्या से यह स्पष्ट हो जाता है कि ज्वालामुखी क्रिया एक व्यापक शब्द है, जिसमें अनेक क्रियाएं तथा अनेक रूप सम्मिलित हैं। ज्वालामुखी, ज्वालामुखी क्रिया का एक रूप है।

Videos Related To Subject Topic

Coming Soon....