भूकम्प के प्रभाव
भूकम्प को उसके विनाशकारी प्रभाव के कारण मानव के लिये अभिशाप माना जाता है। यद्यपि भूकम्प के कुछ लाभकारी प्रभाव भी होते हैं।
विनाशकारी प्रभाव
- नगरों का नष्ट होना एवं जान-माल की क्षति।
- आधारभूत संरचनाओं, जैसे-पुल, रेल की पटरियां, भवन आदि की क्षति।
- भूकम्प के कारण भूस्खलन, बाढ़, आग लगना जैसी आकस्मिक दुर्घटनाओं का जन्म होना।
- कई बार समुद्री भाग में भूकम्प आ जाने से सुनामी जैसी आपदा पैदा हो जाती है, जिससे तटीय क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर तबाही होती है।
लाभकारी प्रभाव
- भूकम्प से गर्तों का निर्माण होता है, जिसमें जल एकत्र होने से झीलों का निर्माण होता है।
- सागर के तटीय भागों में भूकम्पीय क्रियाओं के कारण निर्मित खाड़ियां प्राकृतिक बंदरगाहों के लिए उचित स्थान प्रस्तुत करती हैं।
- भूकम्प से उत्पन्न दबाव व भ्रंशन के कारण मूल्यवान तथा दुर्लभ खनिज पदार्थ के आंतरिक भाग से धरातल पर आ जाते हैं।
- ज्वालामुखीय भूकम्प से नए धरातलीय क्रस्ट का निर्माण होता है।
- भूकम्पीय लहरों द्वारा पृथ्वी की आन्तरिक बनावट के विषय में जानकारी प्राप्त होती है।