राजगोपालाचारी फार्मूला,1944
राजगोपालाचारी द्वारा कांग्रेस एवं मुस्लिम लीग के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए 10 जुलाई 1944 को एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया, जिसे राजगोपालाचारी फार्मूला के नाम से जाना जाता है । यह फार्मूला अप्रत्यक्ष रूप से पृथक पाकिस्तान की अवधारणा पर आधारित प्रस्ताव था।
इस प्रस्ताव की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार थीं-
- मुस्लिम लीग, भारतीय स्वतंत्रता की मांग का समर्थन करे।
- प्रांतो में अस्थायी सरकारों की स्थापना के कार्य में मुस्लिम लीग, कांग्रेस के साथ सहयोग करे।
- युद्ध की समाप्ति के उपरान्त एक कमीशन द्वारा उत्तर-पूर्वी तथा उत्तर पश्चिमी भारत में उन क्षेत्रों को निर्धारित किया जाय, जिसमें मुसलमान स्पष्ट बहुमत में है । उन क्षेत्रों में जनमत सर्वैक्षण कराया जाय तथा उसके आधार पर यह निश्चित किया जाय कि वे भारत से पृथक होना चाहते है या नही ।
- देश की विभाजन की स्थित में आवश्यक विषयों-प्रतिरक्षा, वाणिज्य, संचार तथा आवागमन इत्यादि के संबंध में दोनों राष्ट्रों के मध्य कोई संयुक्त समझौता किया जाये।
- यह बातें उसी स्थिति में स्वीकृति होंगी, जब ब्रिटेन भारत को पूरी तरह से स्वतंत्र घोषित कर देगा ।
- इस प्रस्ताव को भी मुस्लिम लीग ने अस्वीकार कर दिया । हिन्दू नेताओं ने भी तीब्र आलोचना की । अंततः यह फार्मूला भी असफल साबित हुआ ।
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