भारत छोड़ो आन्दोलन 1942
चूंकि क्रिप्स मिशन असफल हो चुका था इसलिए भारतीय वातारण पुनः अशान्त हो गया । समस्त भारत में अंग्रेजों के विरूद्ध क्रांति की लहर उठ गयी । चूंंकि कांग्रेस की मांगों के प्रति ब्रिटिश सरकार बिल्कुल उदासीन हो गयी थी इसलिए आजादी की कोई सम्भावना भारतीयों द्वारा नही दिख रही थी। 8 अगस्त 1942 के दिन बम्बई के अखिल भारतीय कांग्रेस कमेंटी ने अंग्रेजों भारत छोड़ो का प्रस्ताव पारित किया । कांग्रेस के आवाहन पर समस्त देश में क्रांति और विद्रोह की ज्वाला फूट पड़ी । अंग्रेजों ने महात्मा गाँधी सहित अन्य नेताओं को कैद कर लिया । साथ अंग्रेजों ने यह समझ लिया कि भारत वासियों की स्वाधीनता की माँग को अधिक दिनों तक टाला नही जा सकता । इसलिए उन्होंने भारतीय नेताओं के साथ वार्ता आवश्यक समझा ।
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