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पर्यटन उद्योग 

  • किसी विस्तृत भू-भाग में किया जाने वाला भ्रमण 'पर्यटन' कहलाता है । पर्यटन भारत में सबसे बड़ा सेवा उद्योग है, साथ ही बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा अर्जित करने और रोजगार सृजन में इस उद्योग ने अपनी विशिष्ट पहचान बना ली है ।
  • पर्यटन को घरेलू, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय वर्गों में बाँटा जा सकता है । यह एक कम लागत का व्यवसाय है जिसमें संगठित तथा असंगठित दोनों तरह के श्रमिकों को रोजगार मिलता है ।
  • भारतीय पर्यटन उद्योग के अंतर्गत पर्यटन स्थलों को प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक विविधताओं के आधार पर निम्न वगों में बाँटा जा सकता है-
    • धार्मिक पर्यटन स्थल
    • ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक स्थल
    • प्राकृतिक पर्यटन स्थल
    • भारत में स्थित विश्व धरोहर स्थल
  • धार्मिक पर्यटन स्थलों में भारत के विभिन्न धर्मों से संबंधित स्थलों को शामिल किया जाता है, जिनमें अयोध्या, काशी, केदारनाथ (हिंदू धर्म), श्रावस्ती, सारनाथ, कुशीनगर (बौद्ध धर्म), अजमेर की दरगाह (मुस्लिम धर्म), अमृतसर का स्वर्ण मंदिर (सिख धर्म), गोवा का  सेंट जेवियर गिरिजाघर(ईसाई धर्म) आदि शामिल हैं ।
  • भारत के ऐतिहासिक एवं पुरातात्त्विक स्थलों में दिल्ली, आगरा, गोलकुंडा, लखनऊ, जयपुर, बीकानेर, खजुराहो आदि उल्लेखनीय हैं ।
  • प्रकृति पर्यटन (Nature Tourism) के अंतर्गत भारत के प्राकृतिक मनोरम स्थल, वन्यजीव अभयारण्य , पहाड़ों की सैर, समुद्र तट एवं साहसिक पर्यटन को शामिल किया जाता है । भारत में पर्यटन के क्षेत्र में स्वर्ण त्रिभुज  के अंतर्गत आगरा, दिल्ली तथा जयपुर शहरों का सर्किट बनाया गया है ।
  •  ' प्रसाद योजना' के तहत देश के विभिन्न तीर्थ स्थलों व आध्यात्मिक उन्नयन स्थलों के कायाकल्प व संरचनागत सुधार का लक्ष्य निर्धारित किया गया है ।
  • इन स्थलों की वर्तमान संख्या तेरह है-अजमेर (राजस्थान), अमृतसर (पंजाब), अमरावती (आंध्र प्रदेश), गया (बिहार), द्वारका (गुजरात), कांचीपुरम (तमिलनाडु), वेलांकनी (तमिलनाडु), पुरी (ओडिशा), वाराणसी (उत्तर प्रदेश), मथुरा (उत्तर प्रदेश), केदारनाथ   (उत्तराखंड), कामाख्या मंदिर (असम) तथा पटना (बिहार) । इससे पर्यटन व्यवसाय के साथ-साथ सांस्कृतिक विकास को भी प्रोत्साहन मिलेगा ।
  •  'प्रसाद योजना' के अंतर्गत 2016-17 चरण के लिये 12 नए  तीर्थ स्थलों की पहचान की गई है -अयोध्या (उत्तर प्रदेश), बद्रीनाथ (उत्तराखंड), बेलूर (पश्चिम बंगाल), देवघर (झारखंड), गुरुवयूर (केरल), हजरतबल और कटरा (जम्मू-कश्मीर), ओंकारेश्वर (मध्य प्रदेश), सोमनाथ (गुजरात), श्रीशैलम और तिरुपति (आंध्र प्रदेश) , त्र्यंबकेश्वर (महाराष्ट्र)

 

चिकित्सा पर्यटन ( Medical Tourism )

  • चिकित्सा पर्यटन जिसे 'स्वास्थ्य पर्यटन' भी कहा जाता है, के अंतर्गत स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की जाती हैं ।
  • पूरे विश्व से लोग भारत में चिकित्सा पर्यटन हेतु आते हैं एवं आयुर्वेद, योग, सिद्ध, शल्य चिकित्सा एवं प्राकृतिक चिकित्सा संबंधी सेवाएँ प्राप्त करते हैं । 
  • हाल के वर्षों में केरल आयुर्वेदिक चिकित्सा पर्यटन के केंद्र के रूप में उभरा है।
  • भारत में चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये डॉक्टर एवं नर्सों को प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि इस क्षेत्र से लाभ कमाया जा सके

 

राज्य / केंद्रशासित प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल

राज्य / केंद्रशासित प्रदेश

पर्यटन स्थल

आंध्र प्रदेश

विशाखापत्तनम, तिरुपति बालाजी, विजयवाड़ा अमरावती स्तूप, बादामी, ऐहोल  इत्यादि ।

अरुणाचल प्रदेश

पापुमपेर, दोईमुख, ईटानगर इत्यादि ।

असम

कामाख्या मंदिर, काजीरंगा, मानस अभयारण्य, डिब्रूगढ़, माजुली द्वीप, गुवाहाटी इत्यादि ।

बिहार

वैशाली, पटना, राजगीर, बोधगया, नालंदा, पावापुरी इत्यादि ।

छत्तीसगढ़

राजिम, सिरपु , भोरमदेव, चित्रकोट जलप्रपात, बस्तर, कांगेरघाटी राष्ट्रीय उद्यान इत्यादि ।

गोवा

कैथेड्रल चर्च, चर्च ऑफ आवर लैडी ऑफ द रोजरी, विभिन्न प्रकार के समुद्र तट एवं झील इत्यादि ।

गुजरात

साबरमती आश्रम, स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर, द्वारकाधीश, कच्छ का रन, पावागढ़, लोथल, गिर वन, अहमदाबाद इत्यादि ।

हरियाणा

कुरुक्षेत्र, पानीपत, भिवानी, कैथल, अगरोहा, पिंजौर आदि ।

हिमाचल प्रदेश

शिमला, कुल्लू-मनाली, रोहतांग दर्रा, धर्मशाला, डलहौजी, कसौली, सोलन, स्पीति घाटी इत्यादि ।

जम्मू-कश्मीर

श्रीनगर, गुलमर्ग, सोनमर्ग, कटरा, लेह, लद्दाख, हज़रतबल इत्यादि ।

झारखंड

देवघर, हुंडरू जलप्रपात, पारसनाथ पहाड़ी इत्यादि ।

कर्नाटक

मैसूर, गोल गुंबज, बंगलूरू, हंपी, विरुपाक्ष मंदिर, बेल्लारी, ऐहोल, पट्टदकल इत्यादि ।

केरल

मन्नार, कोवलम, वायनाड, फोर्ट कोच्चि, अलप्पुझा, इत्यादि ।

मध्य प्रदेश

पचमढ़ी, खजुराहो, साँची स्तूप, मांडू, उज्जैन, भेड़ाघाट, बाघ गुफाएँ इत्यादि ।

महाराष्ट्र

मुंबई (गेटवे ऑफ इंडिया, एलिफेंटा गुफा), अजंता, एलोरा, नासिक, महाबलेश्वर, खंडाला , शिरडी इत्यादि ।

मणिपुर

लोकटक झील, इंफाल, उखुल की पहाड़ियाँ इत्यादि ।

मेघालय

शिलॉन्ग, गारो-खासी-जयंतिया पहाडियाँ इत्यादि ।

मिजोरम

आइजोल, चमफाई, वांटॉग जलप्रपात इत्यादि ।

नागालैंड

कोहिमा, दीमापुर इत्यादि ।

ओडिशा

कोणार्क, पुरी, चिल्का झील, उदयगिरी गुफा, भितरकणिका इत्यादि ।

पंजाब

अमृतसर, जलियाँवालाबाग, बाघा बॉर्डर, लुधियाना, जालंधर इत्यादि ।

राजस्थान

जयपुर, उदयपुर, जैसलमेर, माउंट आबू, जोधपुर, केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान इत्यादि ।

सिक्किम

गंगटोक, कंचनजंगा पर्वत श्रेणी, बौद्ध मठ इत्यादि ।

तमिलनाडु

कांचीपुरम, तंजावुर, रामेश्वरम, कन्याकुमारी, ऊटी इत्यादि ।

तेलंगाना

हैदराबाद, आदिलाबाद, चारमीनार, हुसैनसागर झील इत्यादि ।

त्रिपुरा

अगरतला, जामपुई हिल, चाय बागान इत्यादि ।

उत्तराखंड

नैनीताल, मसूरी, हरिद्वार, ऋषिकेश, केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, देहरादून इत्यादि ।

उत्तर प्रदेश

आगरा, लखनऊ, वाराणसी, मथुरा, झाँसी, इलाहाबाद, अयोध्या इत्यादि

अंडमान व निकोबार

सेलुलर जेल, रॉस द्वीप, बैरन द्वीप, पोर्ट ब्लेयर, लिटिल अंडमान, डिगलीपुर इत्यादि ।

दिल्ली

राष्ट्रपति भवन, संसद् भवन, लाल किला, पुराना किला, इंडिया गेट, कुतुब मीनार, जामा मस्जिद  इत्यादि ।

दमन और दीव

दीव, दमन, देवका बीच इत्यादि ।

लक्षद्वीप

कवारत्ती, बंगाराम, कडमट, मिनीकॉय, अगाती इत्यादि ।

पुदुच्चेरी

अरिकमेड, पैराडाइज बीच, विल्लनूर इत्यादि ।

 

पारिस्थितिक पर्यटन (Eco-Tourism)क्या है ?

 

  • किसी क्षेत्र में पर्यटन के सतत एवं स्थायी विकास हेतु सीधे तौर पर जैव विविधता का सतत् उपलब्धता से जुड़ा होना ही ‘ पारिस्थितिक पर्यटन ' कहलाता है । 
  • यह विशुद्ध रूप से पर्यावरण के संरक्षण से संबंधित है । भारत सरकार द्वारा पारिस्थितिक पर्यटन के सामान्य सिद्धांत बताए गए हैं, जो निम्न हैं- 
    • क्षेत्र के समग्र आर्थिक विकास में स्थानीय समुदाय को शामिल किया जाना चाहिये । क्षेत्र के स्थानीय निवासियों के आजीविका के साधन एवं पारिस्थितिक पर्यटन संसाधनों के उपयोग के मध्य होने वाले संघर्ष के विषय को पहचान कर उसके समाधान हेतु प्रयास किया जाना चाहिये ।
    • पारिस्थितिक पर्यटन के विकास हेतु पैमाना स्थानीय समुदाय की सांस्कृतिक, सामाजिक विशेषताओं आदि को ध्यान में रखकर बनाना चाहिये ।
    • पारिस्थितिक पर्यटन हेतु एक समग्र क्षेत्र विकास रणनीति के अंतर्गत कार्य करना चाहिये जिसमें अंतर-क्षेत्रीय संघर्ष समाधान, क्षेत्रीय एकीकरण, सार्वजनिक सेवा आदि भी शामिल हो । 
    • भारत में पारिस्थितिक पर्यटन अभी प्रारंभिक अवस्था में है । लेकिन यह जैव विविधता के संरक्षण हेतु महत्त्वपूर्ण जागरूकता अभियान है ।

 

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