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         संघीय विधानमंडल को संसद कहते हैं । विधायिका केवल कानून बनाने वाली संस्था नहीं है बल्कि वह अनेक महत्वपूर्ण कार्यों को निर्वहन भी करती है | बहिर्गमन, विरोध,  प्रदर्शन, सर्वसम्मति, सहकार और सहयोग के द्वारा सदन जीवंत बना रहता है | विधायिका जनप्रतिनिधियों का जनता के प्रति उत्तरदायित्व सुनिश्चित करती है | यह वास्तव में प्रतिनिधिक लोकतंत्र का आधार है, इसे राष्ट्र का लघु रूप कहा जाता है |

संसद           

भारत में संसदात्मक शासन प्रणाली स्वीकार की गयी है । अतः संसद की सर्वोच्चता भारतीय शासन की प्रमुख विशेषता है । संसद को विधायिका अथवा व्यवस्थापिका नाम से भी जाना जाता है।

गठन

संविधान के अनुच्छेद 79 के अनुसार संघ के लिए एक संसद होगी, जो राष्ट्रपति और दो सदनों से मिल कर बनेगी। उच्च सदन राज्यसभा तथा निम्न सदन लोकसभा कहलाती है। इस प्रकार संसद से मिलकर गठित है।

राष्ट्रपति संसद का अभिन्न भाग

राष्ट्रपति को संसद का अभिन्न भाग इसलिए माना जाता है क्योंकि इसकी अनुमति के बिना राज्यसभा तथा लोकसभा द्वारा पारित कोई भी विधेयक अधिनियम का रूप नहीं लेगा। कुछ ऐसे विधेयक भी हैं, जिन्हें राष्ट्रपति की अनुमति के बिना लोकसभा में पेश नहीं किया जा सकता। राष्ट्रपति को लोकसभा तथा राज्यसभा का सत्र बुलाने, उसका सत्रावसान करने और लोकसभा को विघटित करने का अधिकार है।

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