• Have Any Questions
  • +91 6307281212
  • smartwayeducation.in@gmail.com

Study Material



बंगाल

  • सल्तनत कालीन उत्तर भारतीय प्रान्तों में सबसे अधिक विद्रोह बंगाल में हुए।
  • 1279 ई. में तुगरिल के विद्रोह के बाद बुगरा खां ने इस प्रान्त में एक वंश की स्थापना की जो वास्तव में दिल्ली से स्वतंत्र राज्य करता था।
  • गयासुद्दीन तुगलक ने बंगाल पर दिल्ली सल्तनत के नियंत्रण को बनाए रखने के लिए बंगाल को तीन प्रशासकीय संभागों में विभाजित किया जिनकी राजधानियां थी-लखनौती (उत्तरी बंगाल), सोनार गाँव (पूर्वी बंगाल) और सतगाँव (दक्षिण बंगाल)।
  • मुहम्मद बिन तुगलक ने शासक काल में बंगाल दिल्ली सल्तनत से 1338 ई. में अलग हो गया था। उत्तर बंगाल में अलाउद्दीन अलीशाह स्वयं को स्वतंत्र घोषित कर दिया और अपनी राजधानी लखनौती से पाण्डुआ स्थानान्तरित की।
  • किन्तु 1345 ई. में अलाउद्दीन अलीशाह का एक सरदार इलियास खां ने सम्पूर्ण बंगाल पर अधिकार कर लिया और सुल्तान शम्सुद्दीन इलियास शाह के नाम से गद्दी पर बैठा।
  • इलियास शाह एक लोकप्रिय शासक था। उसकी बहुत सी उपलब्धियां हैं उसके शासन काल में फिरोज तुगलक ने प्रथम बार बंगाल पर आक्रमण किया।
  • फिरोज तुगलक ने पाण्डुआ के नगर वासियों को अपने पक्ष में करने के लिए मलिकों, धर्मशास्त्रियों व अन्य योग्य व मंद लोगों को मुक्त हस्त से भू-अनुदान प्रदान किये परन्तु उसका यह प्रयास विफल हो गया। इस असफलता का कारण संभवतः इलियास की लोकप्रियता थी।

सिकन्दरशाह (1357-1389 ई.) 

  • इसके शासन काल में फिरोज तुगलक ने बंगाल को पुनः प्राप्त करने के लिए दूसरी बार आक्रमण किया पर उसे निराश होकर लौटना पड़ा।
  • 1368 ई. में इसने पाण्डुआ में अदीना मस्जिद का निर्माण कराया।

गयासुद्दीन आजमशाह (1389-1409 ई.)

  • यह अत्यंत लोकप्रिय शासक था। वह प्रसिद्ध कवि हाफिज से पत्र व्यवहार करता था।
  • उसकी न्याय प्रियता तथा विदेशों से संबंध प्रसिद्ध हैं। उसने चीन सम्राट के दरबार में एक दूतमण्डल भेजा था। चीनी सम्राट ने भी बदले में उसके पास दूत मण्डल और उपहार भेजे थे।

शमसुद्दीन अहमदशाह (1431-1435 ई.) 

  • उसके शासन काल में जौनपुर के इब्राहीम शर्की ने बंगाल पर आक्रमण किया। 1431-32 में एक चीनी दूतमण्डल उसके दरबार में आया था

रूकनुद्दीन बारबक शाह (1459-1474 ई.)

  • उसने अपनी सेना में अरब सैनिकों को नियुक्त किया। सुल्तान बारबक बंगाली साहित्य का महान संरक्षक था।
  • उसने ‘श्री कृष्ण विजय’ नामक ग्रन्थ के रचयिता मालधर बसु को संरक्षक प्रदान  किया और उन्हें गुणराज खान की उपाधि तथा उसके पुत्र को ‘सत्यराज खान’ की उपाधि से सम्मानित किया।
  • ‘कृत्तिवास’ ने रामायण का बंगला में अनुवाद किया जिसे बंगाल का बाइबिल कहा जाता है। कशीराम ने प्रथम बंगला भाषी ‘महाभारत’ की रचना की। यह कार्य बंगाल के शासक नुसरतशाह के समय में हुआ।
  • फरिश्ता के अनुसार वह (बारबकशाह) हिन्दुस्तान का सर्वप्रथम शासक था जिसके पास अत्यधिक संख्या में अबीसीनियन दास थे जिनमें कुछ को ऊँचे पद मिले।

अलाउद्दीन हुसैन शाह (1493-1519 ई.) 

  • बंगाल के मुस्लिम शासकों में श्रेष्ठ और विख्यात अलाउद्दीन हुसैन शाह को माना जाता है।
  • उसने कानून एवं व्यवस्था को फिर से लागू किया और हिन्दुओं को ऊँचे-ऊँचे पद देकर एक उदार नीति अपनाया। उसका वजीर एक विद्वान हिन्दू था। गोपीनाथ वसु उसका मंत्री, मुकुन्ददास चिकित्सक, केशव क्षत्री प्रधान अंगरक्षक, अनूप टकशाल अधीक्षक आदि थे।
  • दो विद्वान भाई रूप और सनातन जो पवित्र वैष्णव माने जाते थे उनके प्रमुख अधिकारी थे।
  • 1494 ई. में उसने खलीफतुल्ला की उपाधि धारण की। उसने गौड़ के स्थान पर इकदला को अपनी राजधानी बनाई।
  • उसने लोदियों द्वारा पराजित जौनपुर के शर्की सुल्तान को शरण प्रदान किया।
  • हुसैन शाह एक ज्ञानी एवं बुद्धिमान पुरूष था। वह महान वैष्णव संत चैतन्य महाप्रभु का समकालीन था। उसके शासनकाल में बंगाल साहित्य का सबसे अधिक विकास हुआ।
  • ‘हिन्दुओं’ के प्रति विशेष उदारता के कारण उसे ‘कृष्ण का अवतार’ नृपति तिलक और जगत भूषण आदि उपाधियां प्रदान की गईं।

नुसरत शाह (1519-1532 ई.)

  • बाबर के समय बंगाल का शासक नुसरत शाह था। बाबर ने उसे घाघरा के युद्ध में पराजित किया था।
  • वह वास्तुकला तथा साहित्य का संरक्षक था। गौड़ में ‘सोना मस्जिद’  तथा कदम रसूल मस्जिद बनवाया तथा महाभारत का बंगला में अनुवाद करवाया।

Videos Related To Subject Topic

Coming Soon....