संतों तथा सूफियों के प्रयासों से जो भक्ति एवं सूफी आन्दोलन आरंभ हुए उसे मध्ययुगीन भारत के सामाजिक एवं धार्मिक जीवन में एक नवीन शक्ति एवं गतिशीलता का संचार हुआ | भक्ति आन्दोलन के परिणामों में मुख्य रूप से भक्ति के प्रति आस्था का विकास लोकभाषा के रूप में साहित्य रचना का आरम्भ ,इस्लाम के साथ सहयोग के परिणामस्वरूप सहिष्णुता की भावना का विकास हुआ | जिसकी वजह से जाति के बंधनों में शिथिलता आयी |
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