• Have Any Questions
  • +91 6307281212
  • smartwayeducation.in@gmail.com

Study Material



सिंधु घाटी सभ्यता की नगर योजना

सड़के एक-दूसरे को समकोण पर काटती थीं। लगभग सभी नगर दो भागों में विभक्त थे-

  •  प्रथम भाग में ऊँचे दुर्ग निर्मित थे। इनमें शासक वर्ग निवास करता था।
  •  दूसरे भाग में नगर या आवास क्षेत्र के साक्ष्य मिले हैं, जो अपेक्षाकृत बड़े थे। आमतौर पर यहां सामान्य नागरिक, व्यापारी, शिल्पकार, कारीगर और श्रमिक रहते थे।

सिन्धु सभ्यता नगर

  • सड़कों के किनारे की नालियां ऊपर से ढकी होती थीं। घरों का गंदा पानी इन्हीं नालियों से होता हुआ नगर की मुख्य नाली में गिरता था।
  • हड़प्पा, मोहनजोदड़ो तथा कालीबंगा की नगर योजना लगभग एकसमान थी। कालीबंगा व रंगपुर को छोड़कर सभी में पकी हुई ईंटों का प्रयोग हुआ है।
  • आमतौर पर प्रत्येक घर में एक आंगन, एक रसोईघर तथा एक स्नानागार होता था। अधिकांश घरों में कुओं के अवशेष भी मिले हैं।
  • बड़े-बड़े भवन हड़प्पा एवं मोहनजोदड़ो की विशेषता बतलाते हैं। हड़प्पाकालीन नगरों के चारों ओर प्राचीर बनाकर किलेबंदी की गई थी, जिसका उद्देश्य नगर को चोर, लुटेरों एवं पशु दस्युओं से बचाना था।
  • मोहनजोदड़ो का विशाल स्नानागार सैंधव सभ्यता का अद्भुत निर्माण है, जबकि अन्नागार सिंधु सभ्यता की सबसे बड़ी इमारत है।
  • घरों के दरवाजे एवं खिड़कियां मुख्य सड़क पर न खुलकर गलियों में खुलती थीं, लेकिन लोथल इसका अपवाद है। इसके दरवाजे एवं खिड़कियां मुख्य सड़कों की ओर खुलती थीं। यद्यपि मकान बनाने में कई प्रकार की ईंटों का प्रयोग होता था, जिसमें 4 : 2 : 1 (लंबाई, चौड़ाई तथा मोटाई का अनुपात) के आकार की ईंटें ज्यादा प्रचलित थी।

Videos Related To Subject Topic