ऊर्जा गंगा परियोजना
- 24 अक्टूबर, 2016 को वाराणसी (उत्तर प्रदेश) में ऊर्जा गंगा पाइपलाइन परियोजना प्रारम्भ की गई । इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य देश के पूर्वी क्षेत्र के निवासियों को पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) और वाहनों के लिए कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस (CNG ) उपलब्ध कराना है ।
- इस योजना में 4 राज्यों (उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड और ओडिशा) के लिए 51 हजार करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है । यह परियोजना सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनी गैस अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड (गेल) द्वारा कार्यान्वित की जा रही है । इस परियोजना के अन्तर्गत जगदीशपुर (उत्तर प्रदेश) से हल्दिया (पश्चिम बंगाल) तक 2,050 किमी. लम्बी पाइपलाइन बिछाई जानी है, जिसे वर्ष 2018 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है ।
देश का प्रथम जैव सी. एन. जी. ईधन संयंत्र
- भारत के प्रथम जैव CNG ईधन संयंत्र का 13 अगस्त, 2016 को पुणे, महाराष्ट्र में शुभारंभ किया गया । यह संयंत्र कृषि अपशिष्ट से CNG का उत्पादन करता है । यह संयंत्र पुणे स्थित प्रिमोव इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा स्थापित किया गया है । यह संयंत्र प्रूफ ऑफ़ कांसेप्ट (Proof of Concept) की अवधारणा के रूप में स्थापित किया गया है ।
- जिसे कहीं भी दोबारा बनाया जा सकता है ।
प्रधानमंत्री एलपीजी पंचायत
- 23 सिंतबर, 2017 को गुजरात के गाँधीनगर जिले के मोटा इशानपुर गाँव में प्रधानमंत्री एलपीजी पंचायत का शुभारंभ किया गया ।
- प्रधानमंत्री एलपीजी पंचायत का लक्ष्य एलपीजी उपयोगकर्ताओं, विशेष रूप से महिलाओं को इसके स्वच्छ ईंधन के रूप में उचित उपयोग तथा अन्य लाभों के सम्बंध में जागरूक करना है । यह योजना प्रधानमंत्री उज्जवला योजना को सहयोग (Backup) प्रदान करेगी ।