वित्त आयोग
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 280 के अंतर्गत अर्द्ध न्यायिक निकाय के रूप में वित्त आयोग का प्रावधान किया गया है । इसका गठन राष्ट्रपति द्वारा हर पांचवें वर्ष या आवश्यकतानुसार उससे पहले किया जाता है।
गठन
कार्य
वित आयोग भारत के राष्ट्रपति को निम्नांकित मामलों पर सिफारिश करता है-
1960 तक आयोग असम बिहार उड़ीसा एवं पश्चिम बंगाल को क्षतिग्रस्त जूट और जूट उत्पादों के निर्यात शुल्क में निवल प्राप्तियों के एवज में दी जाने वाली सहायता राशि के बारे में भी सुझाव देता था । संविधान के अनुसार यह सहायता राशि 10 वर्ष की स्थाई अवधि तक दी जाती रही ।
आयोग अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को दे सकता है जो इसे संसद के दोनों सदनों में रखता है । रिपोर्ट के साथ उसका आकलन संबंधी ज्ञापन एवं इस संबंध में उठाए जा सकने वाले कदमों के बारे में विवरण भी रखा जाता है।
गौरतलब है कि वित्त आयोग की सिफारिशों की प्रकृति सलाहकार की होती है और इनको मानने के लिए सरकार बाध्य नहीं होती । यह केंद्र सरकार पर निर्भर करता है कि वह राज्य सरकारों को दी जाने वाली सहायता के संबंध में आयोग की सिफारिशों को लागू करें या ना करें।
अब तक नियुक्त आयोग
वित्त आयोग के अध्यक्षों की सूची:
वित्त आयोग |
अध्यक्ष का नाम |
कार्यकाल अवधि |
पहला |
क्षितिज चंद्र नियोगी |
1952 से 1957 तक |
दूसरा |
कस्तुरीरंगा संथानम |
1957 से 1962 तक |
तीसरा |
ए.के.चंदा |
1962 से 1966 तक |
चौथा |
पाकला वेंकटरामन राव राजामन्नर |
1966 से 1969 तक |
पॉचवां |
महावीर त्यागी |
1969 से 1974 तक |
छठा |
ब्रह्मानन्द रेड्डी |
1974 से 1979 तक |
सातवां |
जे.एम.शैलट |
1979 से 1984 तक |
आठवां |
वाई.वी. चव्हाण |
1984 से 1989 तक |
नौवां |
एन.के.पी.साल्वे |
1989 से 1995 तक |
दसवां |
कृष्ण चंद्र पंत |
1995 से 2000 तक |
ग्यारहवां |
डा. अली मोहम्मद खुसरो |
2000 से 2005 तक |
बारहवां |
चक्रवर्ती रंगराजन |
2005 से 2010 तक |
तेरहवां |
विजय.एल.केलकर |
2010 से 2015 तक |
चौदहवां |
डॉ. यागा वेणुगोपाल रेड्डी |
2015 से 2020 तक |
पंद्रहवां |
एनके सिंह |
2020 से 2025 तक |
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