1‘वर्ष सत्तावन का विद्रोह सिपाही विद्रोह मात्र था ’-झेड राबर्ट्स
2‘1857 की घटना सिर्फ गाय की चर्बी से उत्पन्न सैनिक उत्पात थी। ’-सर जान लारेंस
3‘1857 के विद्रोह को या तो सिपाही विद्रोह या अनधिकृत राजाओं तथा जमींदारों का अनियोजित प्रयत्न अथवा सीमित किसान-युद्ध कहा जा सकता है। ’-एडवर्ड टाम्पसन तथा जी.टी.गैरेट
4‘1857 का विद्रोह स्वतंत्रता संघर्ष नहीं धार्मिक युद्ध था। -विलियम हावर्ड रसेल
5‘1857 के विद्रोह में राष्ट्रीयता की भावना का अभाव था और यह सैनिक विद्रोह से बढ़कर और कुछ भी नहीं था। -आर0सी0 मजूमदार
6‘सन् सत्तावन का विद्रोह सिपाही विद्रोह नहीं, अपितु स्वतंत्रता प्राप्ति के निमित्त भारतीय जनता का संगठित संग्राम था। -जवाहरलाल नेहरू
7‘1857 का विद्रोह केवल सैनिक विद्रोह नहीं था, अपितु यह भारतवासियों का अंग्रेजों के विरूद्ध धार्मिक, सैनिक शक्तियों के साथ राष्ट्रीय अस्मिता की रक्षा के लिए लड़ा गया युद्ध था। - जस्टिस मेकार्थी
8 ‘1857 का विद्रोह स्वधर्म और राजस्व के लिए लड़ा गया राष्ट्रीय संघर्ष था। ’ -विनायक दामोदर सावरकर
9 ‘1857 का विद्रोह मुसलमानों के षडयंत्र का परिणाम था।’ - सर जेम्स आउट्रम
10 ‘1857 की क्रान्ति भारत की पवित्र भूमि से विदेशी शासन को उखाड़ फेंकने का प्रयास थी।’ - डॉ. सैयद अतहर अब्बास रिजवी
11 ‘1857 का विद्रोह विदेशी शासन से राष्ट्र को मुक्त कराने का देशभक्तिपूर्ण प्रयास था।’ -बिपिन चंद्र
12 ‘1857 का विद्रोह संचेत संयोग से उपजा राष्ट्रीय विद्रोह था।’ - बेंजामिन डिजरैली
13 ‘1857 का विद्रोह सैनिक विद्रोह न होकर नागरिक विद्रोह था।’ - जान ब्रूस नार्टन
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