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  लंदन में राजनीतिक संगठन
 

19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में लंदन में भारतीयों ने 3 संगठन बनाए
 

लंदन इंडियन कमेटी

  • इसकी स्थापना 1862 में लंदन में पुरुषोत्तम मुदलियार द्वारा की गई थी |

 

लंदन इंडिया सोसाइटी

  • इसकी स्थापना 1865 में लंदन में दादा भाई नौरोजी द्वारा की गई थी |

 

ईस्ट इंडिया एसोसिएशन

  •  ईस्ट इंडिया एसोसिएशन की स्थापना 1866 में दादा भाई नौरोजी ने लन्दन में की थी | इसका उद्देश्य ब्रिटिश जनता और संसद को भारतीय विषयों से अवगत कराना था |
  • इस संगठन को सबसे अधिक समर्थन भारत में बंबई प्रेसिडेंसी में मिला था |
  • 22 मई 1869 को मुंबई में दादा भाई नोरोजी द्वारा इसकी शाखा स्थापित की गयी |
  • इसके अध्यक्ष जमशेद जी भाई और सचिव फिरोज शाह मेहता और एच.वी.एम.वागलेबने थे |
  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना से पूर्व इस दिशा में किए गए महत्वपूर्ण प्रयासों के अंतर्गत 1 मार्च 1883 को ह्यूम ने कलकत्ता विश्वविद्यालय के स्नातकों के नाम एक पत्र लिखा था | इसमें उन्होंने सब से मिल जुलकर  स्वाधीनता के लिए प्रयत्न करने की अपील की थी |अपील का शिक्षित भारतीयों पर अच्छा प्रभाव पड़ा | वे एक अखिल भारतीय संगठन की आवश्यकता महसूस करने लगे |
  • इस दिशा में निश्चित रूप पर पहला कदम 1884 में उठाया गया था | जब अड्यार, मद्रास में थियोसोफिकल सोसायटी का वार्षिक अधिवेशन हुआ था | इस अधिवेशन में ह्यूम  सहित दादा भाई नौरोजी और सुरेंद्र नाथ बनर्जी आदि शामिल हुए थे |
  • इसी के बाद 1884 में इंडियन नेशनल यूनियन नामक संगठन की स्थापना ह्य़ूम ने की थी | इस संगठन की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य देश की सामाजिक समस्याओं के संबंध में विचार विमर्श करना था |
  • 1885 में ह्यूम शिमला पहुंचे और नए वायसराय डरफिन से मिले और अपना उद्देश्य बताया | ह्य़ूम ने स्पष्ट किया की क्रांतिकारी असंतोष के लिए कांग्रेस एक सुरक्षा कपाट का कार्य करेगी | डरफिन, ह्यूम की योजना से सहमत हो गया |
  • इस संगठन की स्थापना से पूर्व ह्यूम इंग्लैंड गए जहां उन्होंने रिपन, डलहौजी, जॉन ब्राइट एवं स्लेग जैसे राजनीतिज्ञों से इस विषय पर व्यापक विचार विमर्श किया था |
  • भारत आने के पहले ह्यूम इंग्लैंड में भारतीय समस्याओं के प्रति ब्रिटिश संसद के सदस्य में रुचि पैदा करने के उद्देश्य से एक भारतीय संसदीय समिति की स्थापना की थी | भारत आने पर ह्यूम ने इंडियन नेशनल यूनियन की एक बैठक मुंबई में 25 दिसंबर 1885 में की थी | जहां पर विचार विमर्श के बाद इंडियन नेशनल यूनियन का नाम बदलकर इंडियन नेशनल कांग्रेस रखा गया |
  • कांग्रेस के बारे में पहली सार्वजनिक घोषणा मद्रास के एक पत्र 'हिंदू' के 5 दिसंबर 1885 के अंक में मिलती है |
  • कलकत्ता, बंबई और मद्रास के व्यापक दौरे के बाद ह्यूम ने यह घोषणा की कि दिसंबर 1885 में भारतीय राष्ट्रीय संघ का एक सम्मेलन पुणे में आयोजित किया जाएगा |
  • जिसमें प्रमुख प्रातों के शिक्षित प्रतिनिधि शामिल होंगे, लेकिन पुणे में प्लेग फेलने के कारण सम्मेलन का स्थान मुंबई कर दिया गया था |

   

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