जैविक समुदाय
जब एक ही क्षेत्र में विभिन्न प्रजातियों की जनसंख्या रहती है तथा एक दूसरे के साथ प्रदर्शन किया करती है जैविक समुदाय कहलाती है । वस्तुतः यह विभिन्न जातियों के विविध प्रकार की जनसंख्या का साहचर्य है । एक समुदाय में विभिन्न प्रजातियों के कई जीव रहते हैं । जिनकी अलग-अलग जातीय संरचना होती है । जातीय संरचना की गतिक सत्ता होने के कारण या लघु तथा दीर्घ समयावधि में बदल जाती है ।
समुदाय अभिलक्षण
जातीय संरचना- किसी समुदाय में वर्ष भर उपस्थित पौधों की कुल संख्या की गणना जाति रचना कहलाती है । किसी भी समुदाय की जाति रचना दूसरे समुदाय से भिन्नता दर्शाती है । यहां तक कि एक ही समुदाय के पादप जातियों में जंतुओं के अनुसार परिवर्तन हो सकता है।
प्रभाविता- जैविक समुदाय में विभिन्न जातियों की जनसंख्या रहती है। किसी भी समुदाय में एक या अधिक जातियों की बाहुल्यता रहती है तथा वे अपनी प्रमुखता दर्शाते हुए अन्य जातियों की संख्या तथा जीव भार उत्पादन को प्रभावित करते हैं। यह प्राणी वितरण का निर्धारण भी करती है । उदाहरण के लिए स्थानीय समुदायों में सामान्यतः लंबे वृक्ष प्रभावी होते हैं यहां तक कि पशु चारण छोटे शाकीय पौधे समुदाय को प्रभावित करते हैं ।
समुदायों का वर्गीकरण- समुदाय का नामकरण सामान्यतः प्रभाविता के आधार पर किया जाता है ।
जातीय विविधता
किसी भी समुदाय की विविधता का निर्धारण उसकी जातीय विभिन्नता के आधार पर किया जाता है । कुछ समुदाय जैसे कि उष्णकटिबंधीय वर्षा वन तथा प्रवाल भित्ति समुदाय अत्यधिक विविधता वाले होते हैं, जिनके प्रत्येक पोषण स्तर पर कई प्रकार की जातियां जीवन यापन करती हैं । जातियों के बीच एक एकक वितरण जाति समता या जाति साम्यता कहलाता है ।
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