पुरातात्विक साक्ष्य
मुगलकालीन इतिहास की महत्वपूर्ण जानकारी पुरातात्विक स्रोतों से भी मिलती है। इस काल में स्थापत्यकला तथा चित्रकला का चरम विकास हुआ। इस काल मे अनेक किले, स्मारक, महलों तथा मकबरों आदि का निर्माण हुआ।
इस काल के प्रमुख इमारतों में शेरशाह का मकबरा, हुमायूं का मकबरा, आगरा का किला, फतेहपुर सीकरी का किला, एत्मादुदौला का मकबरा, ताजमहल, दिल्ली का लाल किला, दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, शीश महल, मोती मस्जिद, जामा मस्जिद आदि प्रमुख हैं।
मुगलकालीन यूरोपीय यात्रियों का विवरण
- यूरोपीय यात्रियों के द्वारा दिए गए वृत्तांत से अनेक राजनीतिक घटनाओं, देश की आर्थिक स्थिति, मुगल दरबार के ऐश्वर्यपूर्ण जीवन,व्यापार-वाणिज्य आदि पर प्रकाश पड़ता है।
- हाकिंस तथा टॉमस रो ,जहांगीर के काल में भारत आने वाले दो प्रसिद्ध यूरोपीय यात्री थे।
- जहांगीर ने हाकिंस को अपने दरबार में मनसबदार बनाया। हाकिंस ने अपने यात्रा वृत्तांत में बादशाह के रहन-सहन, दरबारी परंपराओं तथा तात्कालिक सामाजिक जीवन का बड़ा ही सुन्दर चित्रण किया है।
- दूसरा यूरोपीय यात्री सर टॉमस रो था। उसका भारत आने का उद्देश्य जहांगीर के साथ व्यापारिक संबंध स्थापित करना था। उसने अपनी यात्रा वृत्तांत में मुगल साम्राज्य के वैभव का चित्रण किया।