1707 में औरंगजेब की मृत्यु के बाद भारतीय इतिहास में एक नए युग का पदार्पण हुआ, जिसे ‘उत्तर मुगल काल’ कहा जाता है।
औरंगजेब की मृत्यु के बाद मुग़ल साम्राज्य का पतन भारतीय इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है। इस घटना ने मध्यकाल का अंत कर आधुनिक भारत की नींव रखी।
मुग़ल साम्राज्य जैसे विस्तृत साम्राज्य का पतन किसी एक कारण से नहीं हो सकता इसलिए इतिहासकारों में इस बात को लेकर मतभेद है।
यदुनाथ सरकार, एस. आर. शर्मा और लीवर पुल जैसे इतिहासकारों का मानना है कि औरंगजेब की नीतियों – धार्मिक, राजपूत, दक्कन आदि के कारण मुग़ल साम्राज्य का पतन हुआ। सतीश चंद्र, इरफान हबीब और अतहर अली जैसे मुख्य इतिहासकारों ने मुग़ल साम्राज्य के पतन को दीर्घकालिक प्रक्रिया का परिणाम माना है।
औरंगजेब की मृत्यु के बाद उसके पुत्रों मुअज्जम, मुहम्मद आजम और मोहम्मद कामबख्श में उत्तराधिकार के लिए युद्ध हुआ, जिसमें मुअज्जम सफल हुआ।