''भूपटल पर पाए जाने वाले वे समस्त पदार्थ जो धातुएं नहीं है, चाहे वे चीका मिट्टी की भांति मुलायम हों अथवा ग्रेनाइट की भांति कठोर हों, चट्टान कहलाते हैं।'' चट्टानें ग्रेनाइट तथा बालुका पत्थर की भांति कठोर भी हो सकती हैं, अथवा चीका मिट्टी और बालू की भांति मुलायम भी। यह खड़िया मिट्टी और चूने के पत्थर की भांति छिद्रमय भी हो सकती हैं और ग्रेनाइट तथा स्लेट की भांति अछिद्रमय या अप्रवेश्य भी।
साधारण भाषा में, चट्टानें खनिजों का समूह हैं। किन्तु कुछ चट्टानें एक ही खनिज से निर्मित होती हैं, जैसे बलुआ पत्थर, चूना पत्थर, संगमरमर आदि, किन्तु कुछ चट्टानों में एक से अधिक खनिजों का सम्मिश्रण होता है, जैसे ग्रेनाइट, स्फटिक, फेल्सपार और अभ्रक जो तीन या चार खनिजों से मिलकर बनते हैं। कुछ अन्य चट्टानें अनेक प्रकार की धातु एवं अधातु खनिजों के जटिल मिश्रण से भी बनती हैं, जैसेएलुमिना, कोग्लोमरेट, लिमोनाइट अयस्क आदि।
भूवैज्ञानिकों द्वारा अब तक लगभग 2000 से भी अधिक खनिजों का पता लगाया जा चुका है, किन्तु भूपटल के निर्माण में इनमें से केवल 24 खनिज ही महत्वपूर्ण माने जाते हैं। खनिज विशेष प्रकार के गुणों वाला मूलतत्वों का रासायनिक यौगिक होता है। ज्ञातव्य है कि 24 खनिजों को ही ‘चट्टाननिर्माताखनिज’ की संज्ञा दी जाती है।
इनमें से भी मात्र 6 खनिज ही प्रधान रूप से पाए जाते हैं। इन खनिजों में फेल्सपार, क्वार्टज (स्फटिक), पायरायसींस, एम्फीबोल्स, अभ्रक तथा ओलीविन उल्लेखनीय हैं। चट्टान निर्माणकारी खनिज वर्गों में सिलिकेट (फेल्सपार, अभ्रक आदि) सर्वप्रमुख हैं एवं आक्साइड (कार्टूज, हेमेटाइड, मैग्नेटाइट आदि) तथा कार्बोनेट (कैल्साइट, डोलोमाइट आदि) का स्थान क्रमशः उसके बाद आता है।
पृथ्वी के क्रस्ट में तत्वों की संख्या 110 है किन्तु भूपृष्ठ के निर्माण में इसमें से केवल 8 ही प्रमुख माने गए हैं। मोटे रूप में कहा जा सकता है कि भूपृष्ठ का 98.59 प्रतिशत भाग केवल 8 खनिजोंआक्सीजन (46.8), सिलीकान (27.7), एल्युमिनियम (8.13), लोहा (5.0), कैल्शियम (3.63), सोडियम (2.83), पोटैशियम (2.59) और मैग्नेशियम (2.09) प्रतिशत से निर्मित है। पृथ्वी के शेष 1.41 प्रतिशत भाग की रचना टाइटेनियम, हाइड्रोजन, फास्फोरस, कार्बन, मैंगनीज, गन्धक, बेरियम, क्लोरीन, सोना, चांदी, तांबा, पारा, सीसा आदि शेष सभी तत्वों से हुई है।