महाधिवक्ता
प्रत्येक राज्य का एक महाधिवक्ता होगा। वह भारत के महान्यायवादी के समान राज्य का अधिकारी होगा और उसके राज्य में उसी प्रकार के कृत्य होंगे। वह राज्य के राज्यपाल द्वारा नियुक्त किया जायेगा, और राज्यपाल के प्रसादपर्यन्त पद धारण करेगा। ऐसा ही व्यक्ति महाधिवक्ता नियुक्त किया जा सकेगा जो उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त होने के लिए अर्हत है। वह ऐसा पारिश्रमिक प्राप्त करेगा जो राज्यपाल अवधारित करेगा उसे राज्य के विधानमंडल के सदनों की कार्यवाही में भाग लेने और बोलने का अधिकार है किंतु मतदान का अधिकार नहीं (अनुच्छेद 177) है।
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