भारत में केंद्र राज्य संबंध का संचालन संविधान के अनुच्छेद 245-293 में निर्दिष्ट प्रावधानों के अनुसार होता है। संविधान में केन्द्र की तुलना में राज्य को कम अधिकार दिया गया है। भारत में केन्द्र राज्य संबंध संघवाद की ओर उन्मुख है, और संघवाद की इस प्रणाली को कनाडा के संविधान से ग्रहण किया गया है। भारतीय संविधान में केन्द्र तथा राज्य के मध्य विधायी, प्रशासनिक तथा वित्तीय शक्तियों का विभाजन किया गया है लेकिन न्यायपालिका को विभाजन की परिधि से बाहर रखा गया है। विधायी प्रशासनिक तथा वित्तीय शक्तियों के विभाजन के संबंध में कुछ सीमाएं विहित की गयी है, जिनका उलंघन न तो केंद्र सरकार द्वारा किया जा सकता है, न ही राज्यों द्वारा ।
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