न्यायपालिका, सरकार का एक महत्वपूर्ण अंग है। सरकार का रूप चाहे कोई भी हो, न्यायपालिका की व्यवस्था किसी न किसी रूप में अवश्य की जाती है । संघीय शासन प्रणाली में स्वतंत्र तथा निष्पक्ष न्यायपालिका का होना अनिवार्य है क्योंकि शक्तियों के विभाजन के कारण संघ तथा राज्यों में प्रायः विवाद उत्पन्न होते रहते है । इन विवादों का निपटारा करने तथा संविधान की व्याख्या करने के लिए स्वतंत्र न्यायपालिका का होना आवश्यक है। भारत में संघीय शासन प्रणाली की व्यवस्था होने के कारण संविधान के अंतर्गत स्वतंत्र न्यायपालिका की व्यवस्था की गयी ।
भारत में संघात्मक शासन प्रणाली है परंतु संघात्मक सिद्वांतों के अनुसार केंद्र तथा राज्यों में पृथक्-पृथक न्याय प्रबंध नहीं है बल्कि एकात्मक न्याय प्रणाली की व्यवस्था की गई है। इस एकात्मक न्याय प्रणाली में उच्चतम न्यायालय सर्वोच्च है। सर्वोच्च न्यायालय, राष्ट्रीय स्तर का एकमात्र न्यायालय है। राज्यों में उच्च न्यायालय एवं अधीनस्थ न्यायालय है। राज्यों के अधीनस्थ न्यायालयों के निर्णय के विरूद्ध उच्च न्यायालय में अपील की जाती है और उच्च न्यायालय के फैसले के विरूद्ध सर्वोच्च न्यायालय में अपील की जा सकती है । इस प्रकार भारत में एकल संगठित न्याय प्रणाली है। इस समस्त प्रणाली के शीर्ष पर भारत का सर्वोच्च न्यायालय है। सर्वोच्च न्यायालय के नीचे विभिन्न राज्यों के उच्च न्यायालय हैं और प्रत्येक उच्च न्यायालय के नीचे अधीनस्थ न्यायालय है।