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बुद्ध के समय गणतंत्र

  • सोलह जनपदों के अलावा बुद्धकाल में  गंगाघाटी में कई गणतंत्रों के अस्तित्व के प्रमाण मिलते हैं।
  • बुद्ध के समय में 10 गणतंत्र थे, जो इस प्रकार हैं-

कपिलवस्तु के शाक्य

  • इसकी राजधानी कपिलवस्तु थी। इसे शाक्यवंशीय सुकीर्ति ने प्रतिस्थापित करवाया था।
  • कपिलवस्तु के अतिरिक्त इस गणराज्य में अन्य अनेक नगर थे-चातुमा, सामगाम, खोमदुस्स, सिलावती, नगरक, देवदह आदि।
  • शाक्य लोग अपनी जाति के बाहर अपनी कन्याओं का विवाह नहीं करते थे।
  • गौतम बुद्ध का जन्म इसी गणराज्य में हुआ था। इस राज्य का विनाश कोशल नरेश बिडूडभ द्वारा किया गया।

सुमसुमारा के भग्ग

  • इसकी स्थिति का अनुमान वर्तमान चुनार (मिर्जापुर जिला) से किया गया है।
  • ऐसा माना जाता है कि भग्ग ऐतरेय ब्राह्मण में उल्लिखित ‘भर्ग’ वंश से संबंधित थे।

अलकप्प के बुली

  • इसकी राजधानी बेतिया (वेठद्वीप) थी। बुली लोग बौद्ध  धर्म के अनुयायी थे।
  • आधुनिक स्थानों की दृष्टि से यह राज्य बिहार प्रान्त के शाहाबाद, आरा और मुजफ्फरपुर जिलों के बीच स्थित था।

केसपुत्त के कलाम

  • वैदिक साहित्य से पता चलता है कि कलामों का संबंध पांचाल जनपद के ‘केशियों’ के साथ था।
  • आचार्य अलार कलाम इसी राज्य से संबंधित थे। गौरतलब है कि महात्मा बुद्ध ने गृह त्याग के बाद आचार्य अलार कलाम से सांख्य दर्शन की दीक्षा प्राप्त की थी।

रामग्राम के कोलिय

  • कोलियों की राजधानी रामग्राम की पहचान वर्तमान गोरखपुर जिले में स्थित रामगढ़ ताल से की गई है।
  • कोलिय गण के लोग अपनी पुलिस शक्ति के लिए प्रसिद्दथे।

कुशीनगर के मल्ल

  • वाल्मीकि रामायण में मल्लों को लक्ष्मण के पुत्र चंद्रकेतुमल्ल का वंशज कहा गया है।

पावा के मल्ल

  • पावा आधुनिक कुशीनगर जिले में स्थित पडरौना नामक स्थान था। मल्ल लोग सैनिक प्रवृत्ति के थे।

पिप्पलिवन के मोरिय

  • किंवदंती है कि मोरों के प्रदेश के निवासी होने के कारण् इन्हें मोरिय कहा गया।
  • ‘मोरिय’ शब्द से ही ‘मौर्य’ शब्द बना। चंद्रगुप्त मौर्य इसी वंश में उत्पन्न हुआ था।

वैशाली के लिच्छवि

  • यह बुद्धकाल का सबसे बड़ा तथा शक्तिशाली राज्य था। लिच्छवि वज्जिसंघ में सर्वप्रमुख था।
  • इनकी राजधानी वैशाली मुजफ्फरपुर जिले के बसाढ़ नामक स्थान में स्थित थी।
  • ‘महावग्ग जातक’ में वैशाली को एक धनी, समृद्धशाली तथा घनी आबादी वाला नगर कहा गया है।
  • लिच्छवियों ने महात्मा बुद्ध के निवास के लिए महावन में प्रसिद्द कूटाग्रशाला का निर्माण करवाया था, जहां रहकर बुद्ध ने अपने उपदेश दिये।
  • लिच्छवि का राजा चेटक था। चेटक की पुत्री चेलना (छलना) का विवाह मगध नरेश बिम्बिसार के साथ हुआ था। महावीर की माता त्रिशला उसकी बहन थी।

मिथिला के विदेह

  • यहां के राजा जनक अपनी शक्ति एवं दार्शनिक ज्ञान के लिए सुप्रसिद्दथे।
  • इनकी राजधानी मिथिला की पहचान वर्तमान जनकपुर से की जाती है।

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