मध्यकालीन भारतीय इतिहास से संबंधित ऐतिहासिक सामग्री,प्राचीन भारतीय इतिहास की तुलना में प्रचुर मात्रा में है। इसका मुख्य कारण प्राचीन काल में ऐतिहासिक ग्रंथों का अभाव या फिर उनकी उपलब्धता की कमी है। मध्यकालीन भारतीय इतिहास जानने के लिए ऐतिहासिक स्रोतों की कमी नहीं है। इतिहास लेखन में मुस्लिम सुल्तान और उलेमाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही।तमाम मुस्लिम इतिहासकारों ने सुल्तान और उनकी भारतीय विजयों का विस्तृत विवरण दिया है। साहित्यिक स्रोतों के अतिरिक्त मध्यकालीन भारत में शिक्षित सुल्तानों की आत्मकथा, विदेशी यात्रियों के यात्रा वृत्तांत, विजय स्तंभ, विजय अभियानों के बाद स्थापित विजय स्मारक आदि ऐतिहासिक स्रोतों से भी पर्याप्त जानकारी मिलती है।
सल्तनत काल में फारसी और अरबी पुस्तकों की रचना की गई। हालांकि ये लेखन कार्य और लेखक वैज्ञानिक इतिहासकारों की श्रेणी में नहीं रखे जाते हैं, क्योंकि वे केवल तात्कालिक शासकों के कार्यकलापों तक ही सीमित थे, लेकिन इन रचनाओं से सल्तनकालीन इतिहास और कालक्रम की पर्याप्त जानकारी मिलती है।
मध्यकालीन भारतीय इतिहास को जानने से सम्बंधित स्रोतों को हम मुख्य तौर पर निम्नलिखित तीन श्रेणियों में विभाजित कर सकते है-
1. पुरातात्विक स्रोत 2. सल्तनतकालीन ऐतिहासिक स्रोत 3. मुगलकालीन ऐतिहासिक स्रोत
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