बंगाल के प्रथम स्वतंत्र शासक मुर्शिद कुली खां तथा उसके उत्तराधिकारी शुजाउद्दीन एवं अली वर्दी खान के समय में बंगाल इतना अधिक संपन्न हो गया था कि इसे भारत का स्वर्ग की संज्ञा दी जाने लगी ।
बंगाल में जगह-जगह समस्त यूरोपीय कंपनियों ने अपनी बस्तियां स्थापित कर ली हुगली सर्वाधिक महत्वपूर्ण पत्तन के रूप में उस समय जाना जाता था ।
बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला से पूर्व अलीवर्दी खां एकमात्र बंगाल का नवाब था जिसने कंपनी की गतिविधियों को नियंत्रित करते हुए कलकत्ता और चन्द्रनगर की किलेबंदी के सुदृढ़ीकरण का विरोध किया ।