भारत के प्रमुख पर्यटन स्थल
पर्यटन उद्योग (TOURISM INDUSTRY)
पर्यटन उन सुविधाओं और सेवाओं का योग है जिसे उन लोगों को दिया जाता है जो आमोद-प्रमोद, तीर्थ यात्रा, अध्ययन, स्वास्थ्य लाभ और व्यापार के लिए अन्य स्थानों की यात्रा करते हैं और होटल आदि में ठहरते हैं । इसे (i) अन्तर्राष्ट्रीय, और (ii) राष्ट्रीय या घरेलू वर्गों में बाँटा जा सकता है । इसी प्रकार पर्यटकों को मनोरंजक, सुखदायक और प्रेरक वर्गों में समूहित किया जा सकता है । पर्यटन में आमदनी बढ़ाने और रोजगार पैदा करने की अभूतपूर्व क्षमता है । यह एक कम लागत का व्यवसाय है जिसमें संगठित और असंगठित दोनों तरह के श्रमिकों को रोजगार मिलता है । इस प्रकार किसी क्षेत्र या देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में पर्यटन का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है ।
यद्यपि भौगोलिक स्थिति, भौतिक और सांस्कृतिक विविधता, रमणीय स्थलों और ऐतिहासिक स्मारकों की दृष्टि से भारत में पर्यटन की अपार संभावनाएँ हैं परन्तु इसका विश्व पर्यटन में अंशदान अत्यल्प है । भारत में अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटकों का केवल 0.4 प्रतिशत भाग ही आता है और विश्व में पर्यटन की दृष्टि से इसका 44वाँ स्थान है । देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में पर्यटन का योगदान 1.2 प्रतिशत और रोजगार में 2.4 प्रतिशत है । WTTC के एक अनुमान के अनुसार कुछ राष्ट्रीय प्रयास से इस प्रतिशत अंशदान को 10 वर्षों में क्रमश: 7 और 3.5 तक बढ़ाया जा सकता है । इससे से ज्ञात होता है कि वर्ष 1998 में भारत में कुल 2.36 मिलियन विदेशी पर्यटकों का आगमन हुआ जिससे लगभग 3 बिलियन डालर विदेशी मुद्रा का लाभ प्राप्त हुआ । उक्त सारणी से यह भी पता चलता है हमारे पड़ोस के चीन, थाईलैण्ड, सिंगापुर, मलेशिया आदि देशों में विदेशी पर्यटकों की संख्या हमसे काफी अधिक रही और धनोपार्जन भी हमसे अच्छा रहा ।
पर्यटन स्थलों के प्रकार
भारत एक प्राकृतिक और सांस्कृतिक विविधता वाला देश है । इसलिए यहाँ के पर्यटन स्थलों में भी विविधता पाई जाती है । इन्हें पर्यटन की दृष्टि से निम्न प्रमुख वर्गों में बांटा जा सकता है
1. धार्मिक स्थल-भारत हिन्दू, बौद्ध, जैन और सिक्ख धर्मों का उत्पत्ति स्थल रहा है । विदेशियों के आने से यहाँ इस्लाम और इसाई धर्म का भी आगमन हुआ । इन धर्मों के अनेक पूजा स्थल देश के विभिन्न भागों में स्थित हैं । हिन्दुओं के तीर्थ स्थलों में अयोध्या, काशी (वाराणसी), मथुरा, रामेश्वरम्, पुरी, द्वारका, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, हरिद्वार, ऋषिकेश, प्रयाग, गया, विन्ध्याचल, वैष्णोदेवी, कामाख्या (गुवाहाटी), मैहर, चित्रकूट, उज्जैन, नासिक, तिरुपति, सोमनाथ, कन्याकुमारी आदि प्रमुख हैं । बौद्ध तीर्थ स्थलों में श्रावस्ती, सारनाथ, बोधगया, कुशीनगर प्रमुख हैं जबकि जैन तीर्थ स्थलों में वैशाली, गया, राजगीर, ओसिया, श्रावनबेलगोला आदि का महत्व है । अजमेर की दरगाह मुसलमानों और अमृतसर का स्वर्ण मन्दिर सिक्खों के लिए पवित्र पूजा स्थल हैं । गोवा की सेण्ट जेवियर के गिरिजाघर में बड़ी संख्या में इसाई दर्शन हेतु जाते हैं ।
2. ऐतिहासिक एवं पुरातत्वीय स्थल-भारत एक पुरानी संस्कृति का देश है जिसकी लम्बी ऐतिहासिक परंपरा है । इन ऐतिहासिक महत्व के स्थलों में दिल्ली, पानीपत, आगरा, लखनऊ, जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, अलवर, बूंदी, बीकानेर, पोरबन्दर, सांची, ग्वालियर, खजुराहो, नालंदा, कोणार्क, अमरावती, एलोरा, एलिफेंटा, अजन्ता, औरंगाबाद, पुणे, बीजापुर, गोलकुण्डा (हैदराबाद), श्रीरंगपट्टन, मैसूर, तिरुचिरापल्ली आदि उल्लेखनीय हैं ।
3. मनोरम स्थल-इसमें पहाड़ी सैरगाहों (resorts), समुद्री पुलिनों (beaches), राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों आदि को शामिल किया जाता है । गुलमर्ग, श्रीनगर, पहलगाम, शिमला, मनाली, कुल्लू, धर्मशाला, चम्बा, नैनीताल, अल्मोड़ा, रानीखेत, मसूरी, दार्जिलिंग, शिलांग, कलिम्पोंग, माउण्ट आबू, पचमढ़ी, महाबलेश्वर, ऊटी, कोडाइकनाल, और गंगटोक प्रथम वर्ग के अन्तर्गत सम्मिलित किए जाते हैं ।
गोवा, मुम्बई, तिरुअनन्तपुरम, कन्याकुमारी, चेन्नई, विशाखापत्तनम, पुरी, और गोपालपुर आन सी के समुद्र पुलिन अपनी मनोहारी छटा के लिए प्रसिद्ध हैं । इसी प्रकार कार्बेट, दुधवा, वान्धवगढ़, रोहला, बान्दीपुर, बन्नर पट्टा, नागर होल, बोरीबिली और पेंच के राष्ट्रीय उद्यान; फूलों की घाटी, कान्हा, मानस, गिर, काजीरंगा, सुंदरवन, इन्टांग्की, नाम दाफा, भेलघाट, पेरियार, सरिस्का, रणथम्भोर, सिमलीपाल, इन्द्रावती, दाचीगाम के अभयारण्य, भरतपुर, नालापट्टी, बेदांतंगल और रंगाथिटू के पक्षी विहार वन्य जीवन की विविधता और छटा के लिए आकर्षक पर्यटन स्थल हैं ।
संगठन
केन्द्रीय स्तर पर देश में पर्यटन के विकास के लिए निम्न संगठन कार्यरत हैं-
(1) पर्यटन मंत्रालय |
(2) इंडियन इन्स्टीट्यूट आफ टूरिज्म एण्ड ट्रवेल मैनेजमेण्ट |
(3) नेशनल कौंसिल फार होटल मैनेजमेण्ट एण्ड केटरिंग टेक्नोलाजी |
(4) इंडिया टूरिज्म डेवलपमेण्ट कारपोरेशन लि0 |
(5) इंडियन इंस्टीट्यूट आफ स्काइंग एण्ड माउन्टेनियरिंग (गुलमर्ग), एवं नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वाटर स्पोर्ट्स (गोवा) ।
पर्यटन मंत्रालय का उत्तरदायित्व पर्यटन के विकास संबंधी नीतियों और कार्यक्रमों का निर्माण और कार्यान्वित करना है । मंत्रालय ने एयर इंडिया के सहयोग से विश्व के विभिन्न भागों में 18 पर्यटन कार्यालय स्थापित कर रखे हैं । इंडियन इन्स्टीट्यूट आफ टूरिज्म एण्ड ट्रवेल मैनेजमेण्ट पर्यटन और यात्रा प्रबन्धन के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करता है ।
होटल पर्यटन का महत्वपूर्ण अंग है । वर्ष 2000 तक देश में कुल 146 एक सितारा, 324 दो सितारा, 311 तीन सितारा, 80 चार सितारा, 53 पांच सितारा डिलक्स और 50 हेरिटेज होटल थे । 1950 के पूर्व की बहुत सी हवेलियों, महलों और किलों को हेरिटेज होटलों में बदल दिया गया है जो पर्यटकों में बहुत लोकप्रिय हो रहे हैं |
पर्यटकों को आकृष्ट करने के लिए ब्रह्मपुत्र दर्शन (पासीघाट), ताज महोत्सव (आगरा), खजुराहो महोत्सव (खजुराहो), बुद्ध महोत्सव (अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, उड़ीसा), सिन्धु दर्शन (लेह), मेगा फोक फेस्टिवल 'विरासत' (उत्तराखण्ड), विश्व पर्यटन दिवस (पुराना किला, दिल्ली) आदि कार्यक्रमों को आयोजित किया जाता है ।
राष्ट्रीय पर्यटन नीति 2002 और दशवीं पंचवर्षीय योजना में देश में पर्यटन के विकास हेतु कई सार्थक सुझाव दिए गए हैं । इसमें पर्यटन विकास में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने, विश्वस्तरीय अध: संरचनात्मक सुविधायें प्रदान करने और टूरिस्ट सरकिट बनाने पर बल दिया गया है ।
S. No. |
पर्यटन स्थल |
स्थान एवं राज्य |
निर्माणकर्ता |
निर्माण वर्ष |
1. |
कन्हेरी की गुफाएँ |
मुम्बई (महाराष्ट्र) |
बौद्ध द्वारा |
पहली सदी ई० पूर्व |
2. |
एलीफैंटा की गुफाएँ |
मुम्बई (महाराष्ट्र) |
राष्ट्रकूट द्वारा |
8 वीं सदी ई० |
3. |
अजन्ता की गुफाएँ |
औरंगाबाद (महारष्ट्र) |
गुप्त शासक द्वारा |
200 ई० पूर्व से 700 के मध्य |
4. |
एलोरा की गुफाएँ |
औरंगाबाद (महारष्ट्र) |
बौद्धों द्वारा |
450-650 ई० |
5. |
कदरिया महादेव |
खजुराहो (म० प्र०) |
चन्देल राजाओं ने |
1025 से 1050 ई० |
6. |
मदन महल |
जबलपुर (म० प्र०) |
राजा मदन शाह |
1116 ई० |
7. |
मृगनयनी का महल |
ग्वालियर (म० प्र०) |
राजा मान सिंह तोमर |
1486-1516 ई० |
8. |
धार का किला |
धार (म० प्र०) |
मोहम्मद तुगलक |
1344 ई० |
9. |
गोलकुंडा का किला |
हैदराबाद (आं० प्र०) |
कुतुबशाही |
1518-1687 ई० |
10. |
कोचीन का किला |
केरल |
पुर्तगालियों द्वारा |
1503 ई० |
11. |
विजय स्तंभ |
चित्तौड़ गढ़ (राज०) |
महाराणा कुम्भा |
1458-68 ई० |
12. |
कुतुबमीनार |
दिल्ली |
कुतुबुद्दीन ऐबक |
1199 ई० |
13. |
ढाई दिन का झोंपड़ा |
अजमेर (राज०) |
कुतुबुद्दीन ऐबक |
1199 ई० |
14. |
हौज खास |
दिल्ली |
अलाउद्दीन खिलजी |
1305 ई० |
15. |
तुगलकाबाद |
दिल्ली |
ग्यासुद्दीन तुगलक |
1321-25 ई० |
16. |
किशोर सागर |
कोटा (राज) |
राजकुमार धीरदेह |
1346 ई० |
17. |
आना सागर |
अजमेर (राज०) |
अरुणो राज |
1135-50 ई० |
18. |
फिरोज शाह कोटला |
दिल्ली |
फिरोजशाह तुगलक |
1354 ई० |
19. |
बून्दी का किला |
बून्दी (राज०) |
राजानर सिंह |
1354 ई० |
20. |
हिलती मीनारें |
अहमदाबाद (गुज०) |
—– |
1450 ई० |
21. |
पिछोला झील |
उदयपुर (राज०) |
—- |
1382-1421 ई० |
22. |
काकरिया झील |
अहमदाबाद (गुज०) |
सुलतान कुतुबुद्दीन |
1451 ई० |
23. |
दरगाह अजमेरशरीफ |
अजमेर (राजo) |
सुल्तान ग्यासुद्दीन |
1464 ई० |
24. |
जोधपुर दुर्ग |
जोधपुर (राज०) |
राव जोधा जी |
1899 ई० |
25. |
गगरुन का किला |
झालावाड़ (राज०) |
झालावाड़ स्टेट |
1818 ई० |
26. |
मुसी रानी को छतरी |
अलवर (राज०) |
महाराजा विनय सिंह |
1815 ई० |
27. |
फतह सागर |
उदयपुर (राज०) |
महाराणा फतह सिंह |
1678 ई० |
28. |
जय समंद |
उदयपुर (राज०) |
महाराणा जय सिंह |
1691 ई० |
29. |
डीग महल |
डीग (राज०) |
राजा बदन सिंह |
1725 ई० |
30. |
सहेलियों की बाड़ी |
उदयपुर (राज०) |
महारणा फतह सिंह |
1678 ई० |
31. |
रानी की बाड़ी |
बून्दी (राज०) |
रानी नाथवती |
1700 ई० |
32. |
छत्रमहल |
बून्दी फोर्ट (राज०) |
राजा छत्रसाल |
1531 ई० |
33. |
जूनागढ़ किला |
बीकानेर (राज०) |
राजा जय सिंह |
1587 ई० |
34. |
कानपुर महल |
धौलपुर (राज०) |
शाहजहाँ |
1640 ई० |
35. |
अनिरुद्ध का महल |
बून्दी फोर्ट (राज०) |
राजा अनिरुद्ध सिह |
1679 ई० |
36. |
जन्तर-मन्तर |
जयपुर (राज०) |
सवाई जय सिंह |
1724 ई० |
37. |
नाहरगढ़ फोर्ट |
जयपुर (राज०) |
सवाई जय सिंह |
1734 ई० |
38. |
जगमोहन महल |
कोटा (राज०) |
राजकुमार ब्रजकुमार |
1740 ई० |
39. |
जयगढ़ फोर्ट |
जयपुर (राज०) |
सवाई जय सिंह |
1726 ई० |
40. |
भरतपुर का किला |
भरतपुर (राज०) |
राजा सुरजमल सिंह |
1732-1802 ई० |
41. |
हवा महल |
जयपुर (राज०) |
महाराजा प्रताप सिंह |
1799 ई० |
42. |
सुख निवास |
बून्दी (राज०) |
राजा बिशेन सिंह |
1773 ई० |
43. |
उम्मेद भवन महल |
जोधपुर (राज़०) |
महाराजा उम्मेद सिंह |
1905 ई० |
44. |
आराम बाग |
आगरा (उ० प्र०) |
बाबर |
1526 ई० |
45. |
लाल किला |
दिल्ली |
शाहजहाँ |
1648 ई० |
46. |
हुमायूँ का मकबरा |
दिल्ली |
हुमायूँ की बेगम |
1665-74 ई० |
47. |
शालीमार बाग |
श्रीनगर |
जहाँगीर |
—- |
48. |
सेन्ट जार्ज किला |
मद्रास (तमिलनाडु) |
इस्ट इंडिया कम्पनी |
1653 ई० |
49. |
शेरशाह का मकबरा |
सासाराम (बिहार) |
शेरशाह के पुत्र |
1539-45 ई० |
50. |
डच महल |
केरल |
पुर्तगालियों द्वारा |
1557 ई० |
51. |
फ़तेहपुर सिकरी |
आगरा (उ० प्र०) |
अकबर |
1571 ई० |
52. |
आगरा फोर्ट |
आगरा (उ० प्र०) |
अकबर |
1566 ई० |
53. |
पुराण क़िला |
दिल्ली |
शेरशाह सूरी |
1540-44 ई० |
54. |
सती बुर्ज |
मथुरा (उ० प्र०) |
राजा भगवान दास |
1570 ई० |
55. |
जहाँगीर महल |
आगरा फोर्ट (उ०प्र०) |
अकबर |
1566 ई० |
56. |
अकबर का मकबरा |
सिकन्दरा (उ० प्र०) |
जहाँगीर |
1613 ई० |
57. |
अकबर का किला |
इलाहाबाद (उ० प्र०) |
अकबर |
1575 ई० |
58. |
चश्मा शाही |
जम्मू-कश्मीर |
अली मरदान खाँ |
1642 ई० |
59. |
एतमादुद्दौला |
आगरा (उ० प्र०) |
नूरजहाँ |
1623 ई० |
60. |
ताजमहल |
आगरा (उ० प्र०) |
शाहजहाँ |
1630-52 ई० |
61. |
निशात बाग |
जम्मू-कश्मीर |
आसफ अली |
1633 ई० |
62. |
चीनी का रौजा |
आगरा (उ० प्र०) |
शाहजहाँ |
1639 ई० |
63. |
शीश महल |
आगरा (उ० प्र०) |
शाहजहाँ |
1637 ई० |
64. |
खास महल |
आगरा (उ० प्र०) |
शाहजहाँ |
1636 ई० |
65. |
दिवाने खास |
आगरा फोर्ट (उ०प्र०) |
शाहजहाँ |
1637 ई० |
66. |
हाई कोर्ट |
मुम्बई (महाराष्ट्र) |
ब्रिटिश सरकार |
1878 ई० |
67. |
बड़ा इमामबाड़ा |
लखनऊ (उ० प्र०) |
नवाब आसफउद्दौला |
1784 ई० |
68. |
छोटा इमामबाड़ा |
लखनऊ (उ० प्र०) |
मुहम्मद अली शाह |
1837 ई० |
69. |
टीपू का महल |
बंगलोर (कर्नाटक) |
हैदर अली व टीपू सुल्तान |
18 वीं शताब्दी |
70. |
लाल बाग |
बंगलोर (कर्नाटक) |
हैदर अली व टीपू सुल्तान |
18 वीं शताब्दी |
71. |
गोलघर |
पटना (बिहार) |
ब्रिटिश सरकार |
1786 ई० |
72. |
पादरी की हवेली |
पटना (बिहार) |
फादर कापुचिन |
1751 ई० |
73. |
विलियम फोर्ट |
कलकत्ता (प० बं०) |
लॉर्ड क्लाइव |
1757-81 ई० |
74. |
बीबी का मकबरा |
औरंगाबाद (महाराष्ट्र) |
औरंगजेब |
1679 ई० |
75. |
सफदरजंग का मकबरा |
दिल्ली |
शुजाउद्दौला |
1753-54 ई० |
76. |
जन्तर मन्तर |
दिल्ली |
राजा सवाई जय सिंह |
1724 ई० |
77. |
विवेकानन्द रॉक मेमोरीयल |
तमिलनाडू |
विवेकानंद रॉक |
1970 ई० |
78. |
वैलुर मठ |
कलकत्ता (पं० बं०) |
स्वामी विवेकानंद |
1899 ई० |
79. |
आनन्द भवन |
इलाहाबाद (उ० प्र०) |
मोती लाल नेहरू |
—- |
80. |
लक्ष्मण झूला |
ऋषिकेश (उ० प्र०) |
—- |
1939 ई० |
81. |
शांति निकेतन |
प० बंगाल |
रविन्द्रनाथ टैगोर |
1901 ई० |
82. |
तारापुर का मछली घर |
मुम्बई (महाराष्ट्र) |
तारापुर |
1951 ई० |
83. |
साबरमती आश्रम |
अहमदाबाद (गुजरात) |
महात्मा गाँधी |
1916 ई० |
84. |
प्रिन्स ऑफ वेल्स म्यूजियम |
मुम्बई (महाराष्ट्र) |
जार्ज पंचम |
1905 ई० |
85. |
गेटवे ऑफ इंडिया |
मुम्बई (महाराष्ट्र) |
ब्रिटिश सरकार |
1924 ई० |
86. |
जिम कार्बेट पार्क |
नैनीताल (उत्तरांचल) |
सर मेलकम हैले |
1935 ई० |
87. |
राष्ट्रपति भवन |
दिल्ली |
ब्रिटिश सरकार |
1929 ई० |
88. |
अफगान चर्च |
मुम्बई (महाराष्ट्र) |
ब्रिटिश सरकार |
1847 ई० |
89. |
विक्टोरिया मेमोरियल |
कलकत्ता |
—- |
—- |
90. |
बॉटनिकल गार्डन |
शिवपुर (कलकत्ता) |
—- |
—- |
91. |
सनसेट प्वाइंट |
माउंट अबू (राज०) |
—- |
—- |
92. |
चार मीनार |
हैदराबाद (आ० प्र०) |
कुली कुतुबशाह |
1591 ई० |
93. |
काँचीपुरम का मंदिर |
मद्रास (तमिलनाडु) |
पल्लव राजा |
छठी शताब्दी |
94. |
मान मंदिर |
ग्वालियर (म० प्र०) |
राजा मान सिंह तोमर |
1486-1516 ई० |
95. |
कोणार्क मंदिर |
पुरी (उड़ीसा) |
नरसिंह देव प्रथम |
13 वीं शताब्दी |
96. |
जगन्नाथ मंदिर |
पुरी (उड़ीसा) |
चोदा गंगा देव |
12 वीं शताब्दी |
97. |
चौसठ योगनी मंदिर |
खजुराहो (म० प्र०) |
चन्देल राजाओं ने |
950ई० |
98. |
चेन्ना केशव मंदिर |
वैलूर |
विष्णु वर्धन |
1116 ई० |
99. |
लक्ष्मण मंदिर |
छतरपुर (म० प्र०) |
चन्देल राजाओं ने |
950-1050 ई० |
100. |
दिलवाड़ा का जैन मंदिर |
माउंट आबू (राज०) |
विमल शाह |
1031 ई० |
101. |
गोविन्द देव का मंदिर |
वृंदावन (उ० प्र०) |
—- |
1590 ई० |
102. |
राधा वल्लभ मंदिर |
वृंदावन (उ० प्र०) |
—- |
1626 ई० |
103. |
विष्णुपद मंदिर |
गया (बिहार) |
रानी अहिल्याबाई |
1787 ई० |
104. |
हरमंदिर |
पटना (बिहार) |
महाराजा रणजीत सिंह |
1802 ई० |
105. |
स्वर्ण मंदिर की स्वर्णछत |
अमृतसर (पंजाब) |
महाराजा रणजीत सिंह |
1802 ई० |
106. |
काली का मंदिर |
कलकत्ता (प० बं०) |
रानी राश मोनी |
1847 ई० |
107. |
जैन मंदिर |
अजमेर (राज०) |
सेठ मूलचंद सोनी |
1865 ई० |
108. |
रंगजी का मंदिर |
वृंदावन (उ० प्र०) |
—- |
1851 ई० |
109. |
शाहजी का मंदिर |
वृंदावन (उ० प्र०) |
—- |
1876 ई० |
110. |
लक्ष्मी नारायण मंदिर |
दिल्ली |
बिरला परिवार |
1938 ई. |
111. |
द्वारकाधीश का मंदिर |
मथुरा (उ० प्र०) । |
ग्वालियर के भक्त |
1914 ई. |
112. |
खिरकी मस्जिद |
दिल्ली |
ग्यासुद्दीन तुगलक |
1326 ई. |
113. |
शेरशाही मस्जिद |
पटना (बिहार) |
शेरशाह |
1545 ई० |
114. |
मक्का मस्जिद |
हैदराबाद (आं० प्र०) |
कुली कुतुबशाह |
1614 ई० |
115. |
पत्थर की मस्जिद |
पटना (बिहार) |
परवेज शाह |
1621 ई० |
116. |
पत्थर मस्जिद |
जम्मू-कश्मीर |
नूरजहाँ |
1623 ई० |
117. |
जामा मस्जिद |
आगरा (उ० प्र०) |
शाहजहाँ |
1644 ई० |
118. |
मोती मस्जिद |
आगरा फोर्ट(उ० प्र०) |
शाहजहाँ |
1646-53 ई० |
119. |
जामा मस्जिद |
दिल्ली |
शाहजहाँ |
1650-56 ई० |
120. |
मोती मस्जिद |
दिल्ली फोर्ट |
औरंगजेब |
1659 ई० |
121. |
हजरतबल मस्जिद |
श्रीनगर (कश्मीर) |
—- |
—- |
122. |
चार-ए-शरीफ |
श्रीनगर (कश्मीर) |
जैनुल आबेद्दीन |
1460 ई० |
123. |
नाखुदा मस्जिद |
कलकत्ता (प० बं०) |
समस्याएं
भारत में पर्यटन उद्योग अनेक समस्याओं से ग्रस्त है । वास्तव में पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने के बावजूद यह क्षेत्र सरकार और निजी उद्यमियों का समुचित ध्यान नहीं आकृष्ट कर पा रहा है । बुनियादी सुविधाओं (परिवहन, संचार, बैंक, होटल आदि) की कमी के कारण देश की पर्यटन क्षमता का पूर्ण विकास नहीं हो पा रहा है । हमारे अधिकांश महत्वपूर्ण पर्यटन-स्थल अभी तक हवाई सेवा से नहीं जोड़े जा सके हैं । भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित 5,500 और राज्य पुरातत्व विभाग की देखरेख में 5,000 विरासत स्मारकों (heritage monuments) का संसाधनों के अभाव में पर्याप्त रखरखाव नहीं हो पा रहा है । लोगों के पर्याप्त सहयोग के अभाव के कारण भी पर्यटन विकास में कठिनाई हो रही है । ऊँचे कर के कारण भी पर्यटन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है । भारत के संघीय ढांचे में पर्यटन प्रोत्साहन का उत्तरदायित्व प्रान्तीय सरकारों का है । धनाभाव से राज्य सरकारें इस दिशा में समुचित प्रयास नहीं कर पा रही हैं । हाल के वर्षों में जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्व के क्षेत्रों में बढ़ती आतंकवादी घटनाओं से भी विदेशी पर्यटकों का आना कम हुआ है । भारत में अधिकांश पर्यटक गाइड समुचित प्रशिक्षण और शिक्षा के अभाव में विदेशी पर्यटकों को प्रभावित करने में सफल नहीं हो पा रहे हैं ।
परन्तु उपरोक्त कठिनाइयों के बावजूद भारत में पर्यटन उद्योग के विकास की अपार संभावनायें हैं । इसके लिए हमें पर्यटन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के साथ-साथ, बाजार प्रतिस्पर्धा पर बल देने, बहनीय विकास को अपनाने और विकास में अवरोधों को समाप्त करने विशेषकर निजी निवेश को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है ।
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