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भारत न तो संयुक्तराज्य अमेरिका और न स्विटजरलैण्ड की तरह एक ‘परिसंघ’ है और न तो दक्षिण अफ्रीका तथा आस्ट्रेलिया की तरह एक संघ है बल्कि यह  "राज्यों का संघ"  है, जिसकी निम्नलिखित दो विशेषतायें हैं-

  • 'राज्यों का संघ’ - भारत कतिपय संगठनात्मक इकाईयों के समझौते का परिणाम नहीं है, और कोई भी राज्य ईकाई भारत से अलग होने के लिए स्वतन्त्र नहीं है।

राज्यों का संघ भारत को विद्यमान रूप में लाने के लिए पहले ब्रिटिश भारत तथा देशी रियासतों का एकीकरण किया गया और बाद में भाषायी आधार पर इसका पुर्नगठन कियका गया।

ब्रिटिश भारत तथा देशी रियासतों का एकीकरण- जब ब्रिटिश सरकार को यह स्पष्ट हो गया कि भारत की स्वतन्त्रता अवयश्यम्भावी है, तब उसने 12 मई, 1946 को देशी रियासतों पर एक श्वेत पत्र प्रकाशित करके यह घोषणा किया कि देशी रियासतों पर से सम्राट की सर्वोच्च शक्ति को समाप्त किया जाता है और वे स्वतन्त्र होंगे । इसके बाद 1947 के स्वतन्त्रता अधिनियम में भी प्रावधान किया गया था कि सम्राट तथा देशी रियासतों के मध्य हुए समझौते इस अधिनियम के प्रवर्तन पर स्वत: निरस्त हो जायेंगे इस प्रकार ब्रिटिश सरकार ने पूर्णरूपेण यह व्यवस्था कर दी थी कि भारत कई खण्डों में विभाजित हो जाय, लेकिन सरदार वल्लभ भाई पटेल की सूझ-बूझ तथा लार्ड माउंटबंटन की सहायता से ब्रिटिश सरकार की इस कूटनीति को सफल नहीं होने दिया गया।

स्वतंत्रता प्राप्ति के समय भारत में 542 देशी रियासतें थीं जिनमें 539 रियासतों ने भारत में स्वेच्छा से अपना विलय कर लिया। शेष तीन रियासतों जूनागढ़ रियासत को जनमत संग्रह के आधार पर तब भारत में मिलाया गया, जब उसका शासक पाकिस्तान भाग गया। हैदराबाद की रियासत को पुलिस कार्यवाही करके भारत में मिलाया गया और जम्मू-कश्मीर रियासत के शासक ने पाकिस्तानी कबाइलियों के आक्रमण के कारण विलय पत्र पर हस्ताक्षर करके अपनी रियासत को भारत में मिलाया |

ब्रिटिश प्रान्तों व देशी रियासतों का एकीकरण करके भारत में चार प्रकार के राज्यों का गठन किया गया ये राज्य थे-

(1) ‘ए’ राज्य- 216 देशी रियासतों को ब्रिटिश भारत के पड़ोसी प्राप्तों में मिलाकर ‘ए’ राज्य का गठन किया गया । ये राज्य थे- असम, बिहार, बम्बई, मध्य प्रदेश, मद्रास, उड़ीसा, पंजाब, संयुक्त प्रान्त, पश्चिमी बंगाल, आन्ध्र, इनकी संख्या 10 थी।

(2) ‘बी’ राज्य- 275 देशी रियासतों को नयी प्रशासनिक इकाई में गठित करे ‘बी’ राज्य की श्रेणी प्रदान की गयी। ये राज्य थे-- हैदराबाद, जम्मू-कश्मीर, मध्य भारत, मैसूर, पेप्सू, राजस्थान, सौराष्ट्र, ट्रावनकोर, कोचीन। इनकी सं0 8 थी।

(3) ‘सी’ राज्य- 61 देशी रियासतों को एकीकृत करके ‘सी’ राज्य की श्रेणी में रखा गया। ये राज्य थे--अजमेंर, विलासपुर, भोपाल, कुर्ग, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, कच्छ, मणिपुर, त्रिपुरा तथा विन्ध्य प्रदेश, इनकी संख्या 9 थी।

(4) ‘डी’ राज्य- अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह को ‘डी’ राज्य की श्रेणी में रखा गया था। 

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