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  • भारत में पाश्चात्य संस्कृति व विचारों की उपस्थिति ने अनेक ऐसी शक्तियों के जन्म में सहायता प्रदान की जो बाद में ब्रिटिश साम्राज्यवाद के लिए गंभीर चुनौतियों का कारण बन गई थी|
  • 1833 में लार्ड मेकाले ने स्वयं हाउस ऑफ लॉर्ड्स में कहा था कि “यह भी संभव है कि भारतीय लोक विचार हमारी शिक्षा प्रणाली के अधीन इतने विकसित हो जाएंगे कि वह हमारी प्रणाली की सीमाओं से अधिक आगे बढ़ जाएंगे|”
  •  हम अपने अच्छे शासन से अपनी प्रजा को अधिक अच्छे शासन करने के लिए तैयार करें और यूरोपीय भाषा सीखने के कारण वह स्वयं किसी भविष्य काल में यूरोपीय संस्थाओं की मांग करें|उनकी यह भविष्यवाणी सत्य साबित हुई|
  • पाश्चात्य संस्कृति के भारत आने के फलस्वरुप राष्ट्रवाद, राष्ट्रीयता ,राजनीतिक अधिकारों जैसी धारणाएं भारत में विकसित हुई|
  • आधुनिक राजनीतिक विचारों और राजनीतिक अंगों के विकास के फलस्वरूप ही भारतीय इतिहास को अपना गौरव प्राप्त हो सका और भारत आधुनिकता की ओर बढ़ने में सफल हुआ |
  • भारतीय उपमहाद्वीप में उन राजनीतिक विचारों का विकास हुआ जिनसे भारतीय इतिहास सर्वथा अनभिज्ञ था वास्तव में राजनीतिक संगठन ने भारत को आधुनिक संसार में प्रवेश दिलाया |
  • इन राजनीतिक संघों के विकास से ही लोगों में एकता और एकजुटता देखने को मिली |
  • इन संगठनों की विशेषता यह थी कि यह धर्म जाति की परिधि से दूर अन्य उद्देश्य के लिए बनाए जा रहे थे |
  • 1885 से पूर्व अर्थात कांग्रेस की स्थापना से पूर्व कुछ महत्वपूर्ण राजनीतिक संगठन बनाए गए थे जिन्होंने राष्ट्रवादी विचारों के विकास की दिशा में प्रयास किए थे|        

हेनरी विवियन डेरोजियो 

  • 1830 के दशक में राष्ट्रीय जागरण की भावनाओं के बीजारोपण में हेनरी विवियन डेरोजियो का नाम भी प्रसिद्ध है|
  • उनके अनुयायी डेरोजियन कहलाते थे डेरोजियो हिंदू कॉलेज कलकत्ता में अध्यापक थे|
  • उन्होंने एक समाचार पत्र दि ईस्ट इंडियन का प्रकाशन भी शुरू किया था | लेकिन राजनीतिक सुधारों के लिए आंदोलन जारी रखने के लिए केवल प्रेस और मंच ही पर्याप्त नहीं थे | इसलिए देश के विभिन्न भागों में संगठनों की स्थापना की गई|

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