प्राचीन भारत पर विदेशी आक्रमण
- भारत के इतिहास में एक समय जब मध्य भारत के राज्य, मगध साम्राज्य की विस्तारवादी नीति का शिकार हो रहे थे, पश्चिमोत्तर प्रान्तों में अराजकता एवं अव्यवस्था का वातावरण व्याप्त था। मगध सम्राटों का अधिकार क्षेत्र भारत के पश्चिमोत्तर प्रदेश तक विस्तृत नहीं हो पाया था। मध्य भारत अनेक छोटे-बड़े राज्यों में विभक्त था जिसमें कंबोज, गांधार प्रमुख थे।
- उस समय ऐसी कोई शक्ति नहीं थी जो परस्पर संघर्षरत राज्यों को जीतकर एकछत्र शासन कर सके। यह सम्पूर्ण प्रदेश उस समय विभाजित था, ऐसी स्थिति में विदेशी आक्रांताओं का ध्यान भारत के इस भू-भाग की ओर आकृष्ट होना स्वाभाविक ही था। परिणामस्वरूप यह प्रदेश दो विदेशी शक्तियों के आक्रमणों का शिकार हुआ-
- ईरानी या हखामनी आक्रमण
- यूनानी आक्रमण