1757 में प्लासी के युद्ध के बाद ब्रिटिश शासन द्वारा उत्तरी भारत में शक्ति एवं सत्ता हासिल करने की ओर पहला कदम बढ़ाया गया | 1757 के बाद औपनिवेशिक शासन द्वारा अपनाई गई नीतियों और उसके स्वरूप के विरुद्ध असंतोष के रूप में 1857 का पहला बड़ा एवं व्यापक विद्रोह हुआ | जिसके बाद भारत पर ब्रिटिश शासन की नीतियों में परिवर्तन किए गए ब्रिटिश विस्तार वादी नीतियों, आर्थिक शोषण और विभिन्न वर्षों में प्रशासनिक नवोन्मेषों ने भारतीय राज्यों के शासकों, सिपाहियों,जमींदारों, किसानों व व्यापारियों आदि की स्थिति को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया | हालांकि 1757 से 1857 का समय शांतिपूर्ण एवं कठिनाई से मुक्त नहीं था | इस दौरान धार्मिक, राजनीतिक हिंसा, जनजाति विद्रोह, किसान विद्रोह एवं दंगे तथा सैन्य नागरिक विद्रोह के रूप में छोटे-मोटे लोकप्रिय विद्रोह की एक श्रृंखला ने कार्य किया |
आधुनिक भारत के इतिहास में 1857 का वर्ष अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसी वर्ष से भारतीय स्वाधीनता संग्राम की शुरूआत मानी जाती है।1857 से प्रारंभ हुई इस यात्रा का अंत 1947 में हुआ जब आजाद भारत का सपना साकार हुआ |
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