1: निम्नलिखित में से कौन-सा कथन महात्मा ज्योतिबा फुले के विषय में सही नहीं है ?
(A) उन्होंने अपने में बुद्ध और कबीर के क्रान्तिकारी विचारों को समन्वित किया
(B) छुआछूत को उन्होंने हिन्दू धर्म पर एक कलंक के रूप में लिया
(C) उन्होंने 'दासता' शीर्षक एक पुस्तिका लिखी
(D) उन्होंने पूना सार्वजनिक सभा की स्थापना की
1870 ई० में पूना सार्वजनिक सभा की स्थापना एम ० जी ० रानाडे ने की थी ।
2: निम्नलिखित में से किसे पश्चिमी भारत के पुनर्जागरण का जनक कहा जा सकता है ?
(A) एम० जी० रानाडे
(B) बी० एम० मालाबरी
(C) आर० जी० भण्डारकर
(D) के० ती० तेलंग
एम० जी० रानाडे ने महाराष्ट्र में 'दक्कन एजुकेशन सोसाइटी' की स्थापना की तथा प्रार्थना समाज का प्रचार-प्रसार किया । उन्हें पश्चिमी भारत के पुनर्जागरण का जनक तथा महाराष्ट्र का सुकरात कहा जाता है ।
3: तुहफतुल मुवाहिद्दीन नामक फारसी पैम्फलेट किसने प्रकाशित किया था ?
(A) मुश्ताक हुसैन
(B) अबुल कलाम आजाद
(C) राममोहन राय
(D) सर सैयद अहमद खाँ
राजा राममोहन राय ने तुहफतुल सुवाहिद्दीन नामक फारसी पैम्फलेट का प्रकाशन किया था । इसमें राजा राममोहन राय ने मूर्तिपूजा एवं बहुदैववाद का खण्डन किया । इसके अतिरिक्त 'एकेश्वरवादियों का उपहार ' (Gif to Monothrists) ,' प्रीसेप्ट्स ऑफ जीसस' (Precepts of Jesus), 'संवाद कौमुदी' तथा मिरातुल अखबार का प्रकाशन किया था ।
4: निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही नहीं है ?
(A) ईश्वर चंद्र विद्यासागर को 'बंगाली गद्य का जनक' माना जाता है।
(B) 1856 में सरकार द्वारा हिंदू विधवा पुनर्विवाह अधिनियम पारित किया गया था।
(C) Aऔर B दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
ईश्वर चंद्र विद्यासागर उन्नीसवीं सदी के एक भारतीय शिक्षक और समाज सुधारक थे। उन्हें 'बंगाली गद्य का जनक' भी माना जाता है।
1. ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने प्राचीन ग्रंथों का उपयोग यह सुझाव देने के लिए किया कि विधवाएं पुनर्विवाह कर सकती हैं।
2. वह हिंदू विधवा पुनर्विवाह के सबसे प्रमुख प्रचारक थे। इसके लिए उन्होंने विधान परिषद में याचिका दायर की।
3. 1856 में कड़े विरोध के बावजूद, सरकार द्वारा हिंदू विधवा पुनर्विवाह अधिनियम पारित किया गया था।
5: सामाजिक धार्मिक संगठन 'तत्त्वबोधनी सभा' का प्रारम्भ किसने किया था ?
(A) देवेन्द्रनाथ टैगोर
(B) राममोहन राय
(C) राधाकान्त देव
(D) द्वारकानाथ टैगोर
राममोहन राय की मृत्यु के बाद ब्रह्मसमाज का काम ढीला पड़ गया । जब देवेन्द्रनाथ टैगोर इसमें शामिल हुए तो संस्था में फिर एक बार जान आ गयी । राममोहन राय के विचारों के लिए उन्होंने सन् 1839 में तत्त्वबोधनी सभा की स्थापना की ।
6: निम्नलिखित आन्दोलनों का सही कालानुक्रम नीचे दिए कूट से निर्दिष्ट कीजिए
1. प्रार्थना समाज
2. आर्य समाज
3. ब्रह्म समाज
4. रामकृष्ण मिशन
कूट:
(A) 4, 2, 3, 1
(B) 3, 1, 2, 4
(C) 2, 1, 3, 4
(D) 3, 2, 1, 4
सन् 1828 में राजा राममोहन राय ने ब्रह्म समाज की स्थापना की थी । सन् 1875 में स्वामी दयानन्द सरस्वती ने बम्बई में आर्य समाज स्थापित किया तथा आचार्य केशवचन्द्र की महाराष्ट्र यात्रा से प्रभावित होकर महादेव रानाडे और डॉ० आत्माराम पाण्डुरंग ने सन् 1867 में बम्बई में प्रार्थना समाज स्थापित किया । सन् 1897 में स्वामी विवेकानन्द ने रामकृष्ण मिशन को स्थापना की ।
7: सन् 1829 के किस अधिनियम द्वारा सती प्रथा को अवैधानिक घोषित किया गया ?
(A) XIV
(B) XV
(C) XVI
(D) XVII
राजा राममोहन राय जैसे प्रबुद्ध भारतीयों ने विलियम बैंटिक को सती प्रथा बन्द करने के कुछ उपाय करने की प्रेरणा दी । विलियम बैंटिक ने आवश्यक कानून बनाया । दिसम्बर, 1829 में नियम 17 द्वारा विधवाओं को जलाना अवैध घोषित कर दिया |
8: संस्कृत का ज्ञान प्राप्त करने वाला पहला अंग्रेज था -
(A) जेम्स प्रिंसेप
(B) सर विलियम जोन्स
(C) चार्ल्स विल्किन्स
(D) मैक्समूलर
1784 ई० में हेस्टिंग्स के सहयोगी विलियम जोन्स ने एशियाटिक सोसायटी ऑफ बंगाल की स्थापना की जिसने प्राचीन भारतीय इतिहास और संस्कृति के अध्ययन हेतु महत्त्वपूर्ण प्रयास किये । इन्होंने 1789 ई० में अभिज्ञानशाकुन्तलम का अंग्रेजी अनुवाद किया जबकि हिन्दुओं के परम प्रसिद्ध धार्मिक ग्रन्थ भगवद्गीता का अंग्रेजी अनुवाद 1785 में चार्ल्स विल्किन्स ने किया । भारतीय विधा के अध्ययन को सबसे अधिक बढ़ावा दिया जर्मनी के एफ० मैक्समूलर (1823-1902) ने 1837 ई० में जेम्स प्रिंसेप ने अशोक के अभिलेख पढ़ने में सफलता पाई ।
9: निम्नलिखित में से किस मुगल सम्राट ने राजा राममोहन राय को अपने दूत के रूप में लन्दन भेजा था ?
(A) आलमगीर-II
(B) शाह आलम-II
(C) अकबर-II
(D) बहादुर शाह-II
राजा राममोहन राय को (1774-1833) सुधार आन्दोलन का प्रवर्तक कहा जाता है । 20 अगस्त, 1828 को इन्होंने ब्रह्म समाज की स्थापना की । 1830 में मुगल बादशाह अकबर द्वितीय (1806-1837) ने राममोहन राय को राजा ' की उपाधि दी तथा अपने दूत के रूप में तत्कालीन ब्रिटिश सम्राट 'विलियम चतुर्थ' के दरबार में भेजा था । राय को इंग्लैण्ड में सम्राट से बादशाह को मिलने वाली पेशन की मात्रा बढ़ाने पर बात करनी थी । वहीं ब्रिस्टल में 27 सितम्बर, 1833 को डॉ० कारपेण्टर के निवास स्थान पर राय की मृत्यु हुई । राय द्वारा लिखी गई पुस्तकों में प्रमुख हैं-
1. तुहुफुतुल मुवाहिदीन (एकेश्वरवादियों को उपहार)
2. प्रीसेन्ट ऑफ जीसस द गाइड टू पीस एन्ड हैप्पीनेस
10: 'वेदों की ओर चलो' नारा किसने दिया था ?
(A) राजा राममोहन राय
(B) विवेकानन्द
(C) दयानन्द सरस्वती
(D) रामकृष्ण परमहंस
मूलशंकर (1824-1883), जो महर्षि दयानन्द के नाम से जाने जाते हैं, का जन्म 1824 ई० में गुजरात की मौरवी रियासत में हुआ था । इन्होंने 1875 ई० में बम्बई में आर्य समाज की स्थापना की । ये पाश्चात्य शिक्षा से कतई प्रभावित नहीं हुए । ये शुद्ध वैदिक परम्परा में विश्वास करते थे । इन्होंने 'पुन: वेद की ओर चलो' का नारा लगाया ।