1: निजाम-उल-मुल्क ने किस स्वतन्त्र राज्य की स्थापना की ?
(A) हसनपुर
(B) हैदराबाद
(C) कन्दहार
(D) बुरहानपुर
मीर क़मर-उद-दीन ख़ान सिद्दिक़ी उर्फ़ निजाम-उल-मुल्क आसफजाह, मुग़ल शासक औरंगजेब के बाद के हैदराबाद का प्रसिद्ध निज़ाम था, जिसने आसफ़ जाही राजवंश की नींव रखी। इसे चिनकिलिच खाँ के नाम से भी जाने जाते थे ।
2: निम्नलिखित में से किसने मोहम्मद शाह से जगतसेठ की उपाधि प्राप्त की थी ?
(A) फतेहचन्द्र
(B) हीरानन्द शाह
(C) ओमीचन्द
(D) उपरोक्त में से कोई नहीं
मुगल बादशाह मोहम्मद शाह ने फतेहचन्द को 1723 ई० में बंगाल के जगतसेठ की उपाधि प्रदान की थी । बाद में इसकी हत्या हो गयी । फतेहचन्द जगतसेठ घराने के संस्थापक मानिकचन्द का भतीजा तथा गोद लिया हुआ लड़का था । उसी के काल में जगतसेठ का घराना प्रतिष्ठा और समृद्धि के चरम शिखर पर पहुंचा । नवाब मुर्शिद कुली खाँ और उसके देहान्त के बाद नवाब अलीवर्दी खाँ पर उसका भारी प्रभाव था ।
3: निम्न में से कौन-सी अवध के नवाबों की प्रथम राजधानी थी ?
(A) लखनऊ
(B) इलाहाबाद
(C) फैजाबाद
(D) फर्रुखाबाद
1722 ई ० में सम्राट मुहम्मद शाह के समय सआदत खाँ बुरहानुलमुल्क ने अवध के स्वतन्त्र राज्य की स्थापना की । नादिरशाह से किये गए वादे को पूरा न करपाने के कारण सआदत खाँ ने 1739 में जहर खाकर आत्महत्या कर ली । इसके बाद सफदरजंग को अवध की नवाबी प्रदान की गई । तत्पश्चात क्रमश : शुजाउद्दौला और आसफुद्दौला शासक बने । आसफुद्दौला (1775-1795) ने अपनी राजधानी फैजाबाद से लखनऊ स्थानान्तरित की । अवध के स्वतन्त्र शासकों की कड़ी का अन्तिम शासक वाजिद अली शाह था ।
4: जब फर्रुखसियर ने राजगद्दी के लिए युद्ध किया तब निम्नलिखित में से किसने जहाँदारशाह के साथ विश्वासघात किया ?
(A) असद खान
(B) खान जहाँ कोकलताश
(C) मुनीम खाँ
(D) चिन किलिच खाँ
जहाँदारशाह के शासन काल के दौरान उसके भतीजे फरूखसियर ने सिंहासन पर दावा किया । फरूखसियर को सैयद बन्धुओं का समर्थन प्राप्त था । गद्दी प्राप्त करने के क्रम में आगरा के निकट फरूखसियर ब जहाँदारशाह का मुकाबला हुआ । जहाँदारशाह पराजित हुआ और उसने भागकर वकील-ए-मुतलक असद खाँ के घर में शरण ली, परन्तु असद खाँ ने फरूखसियर से झगड़ा करना उचित नहीं समझा । फल्खसियर के आदेश से जहाँदारशाह को उसकी प्रेयसी लाल कुँअर के हाथों से छीनकर मार दिया गया ।
5: 'मिर्जा राजा' पदवी किसे प्रदान की गई थी ?
(A) जयसिंह
(B) भारमल
(C) मानसिंह
(D) जसवन्त सिंह
'मिर्जा राजा' की पदवी जयसिंह को प्रदान की गई थी । अठारहवीं शताब्दी का सबसे श्रेष्ठ राजपूत शासक अजमेर का सवाई जयसिंह था । इसे सवाई की पदवी मुगल शासक फरूखसियर ने दी थी । जयसिंह एक विख्यात राजनेता, कानून निर्माता और सुधारक था, परन्तु सबसे अधिक वह विज्ञान प्रेमी था । उसने 1722 ई० में जयपुर शहर की स्थापना की । जयसिंह एक महान् खगोलशास्त्री भी था । उसने दिल्ली, जयपुर, उज्जैन, वाराणसी और मथुरा में बिल्कुल सही और आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित पर्यवेक्षण-शालाएँ बनायीं । उसने सारणियों का एक सेट तैयार किया जिससे लोगों को खगोलशास्त्र सम्बन्धित पर्यवेक्षण करने में सहायता मिले । इसका नाम जिज मुहम्मदशाही था । उसने यूक्लिड की रेखागणित के तत्त्व ' का अनुवाद संस्कृत में कराया । उसने त्रिकोणमिति की बहुत सारी कृतियों और लघुगणकों को बनाने और उनके इस्तेमाल सम्बन्धी नेपियर की रचना का अनुवाद संस्कृत में कराया ।
6: निम्नलिखित में से कौन, मुगल सम्राट द्वारा नियुक्त बंगाल का अन्तिम गवर्नर था ?
(A) सरफराज खान
(B) मुर्शिद कुली खान
(C) अलीवदी खान
(D) शुजाउद्दीन मुहदम्मद खान
मुर्शिद कुली खान मुगल सम्राट द्वारा नियुक्त बंगाल का अन्तिम गवर्नर था । औरंगजेब ने 1700 ई० में मुर्शिद कुली खाँ को बंगाल का दीवान बनाया । औरंगजेब के पोते अजीमुश्शान से मतभेद के कारण मुर्शिद कुली खाँ ने अपनी राजधानी ढाका से मुर्शिदाबाद (मकसूदाबाद) स्थानान्तरित कर दी । मुगल सम्राट फरूखसियर ने इसे 1717 ई० में बंगाल का सूबेदार नियुक्त किया । 1719 ई० में इसे उड़ीसा भी दे दिया गया । पहला विद्रोह सीताराम राय , उदय नारायण और गुलाम मोहम्मद ने किया । दूसरा विद्रोह शुजात खाँ के नेतृत्व में तथा तीसरा विद्रोह नजात खाँ के नेतृत्व में हुआ । मुर्शिद कुली खाँ ने भूमि बन्दोबस्त में इजारेदारी प्रथा प्रारम्भ की । उसने किसानों को तकावी ऋण दिये , परन्तु मालगुजारी की वसूली के लिए कठोर कदम उठाए ।
7: बहादुरशाह जफर के विषय में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है ?
(A) वह बिना साम्राज्य के सम्राट था
(B) वह बिना युद्ध के अनुभव का योद्धा था
(C) हसन अस्करी उसका आध्यात्मिक मार्गदर्शक था
(D) 1845 ई ० में उसे उत्तराधिकार प्राप्त हुआ था
1803 ई० में लॉर्ड लेक ने दिल्ली पर अधिकार कर लिया था । शाह आलम द्वितीय (1759-1806 ई0) तथा उसके दो उत्तराधिकारी अकबर द्वितीय (1806-37 ई०) तथा बहादुरशाह द्वितीय (1837-57 ई०) ईस्ट इण्डिया कम्पनी के पेन्शन-भोगी मात्र बनकर ही रह गए । 'मुगल' शब्द केवल नाम में ही शेष रह गया था । अत: बहादुरशाह जफर के पास न तो साम्राज्य और न ही युद्ध का अनुभव था ।
8: रोशन अख्तर किसका दूसरा नाम था ?
(A) अहमद शाह
(B) मुहम्मद शाह
(C) जहाँदार शाह
(D) शाह आलम
रफीउद्दौला की मृत्यु के बाद सैयद भाइयों ने जहानशाह के पुत्र रोशन अख्तर को 'मुहम्मद शाह' की उपाधि देकर 28 सितम्बर, 1719 को दिल्ली की गद्दी पर बैठाया । उसे मुहम्मद शाह 'रंगीला' कहा जाता था । उसने उर्दू को प्रोत्साहित किया ।
9: अवध के ब्रिटिश साम्राज्य में विलय के समय वहाँ का रेजिडेन्ट कौन था ?
(A) बिशप आर. हेबर
(B) कर्नल नेपियर
(C) जेम्स आउट्रम
(D) डब्ल्यू. एच. स्लीमैन
अवध के ब्रिटिश साम्राज्य में विलय के समय वहाँ का रेजिडेन्ट जेम्स आउट्रम था । यह प्रमुख आंग्ल सेनानायक था । 1854 ई. में वह लखनऊ में रेजिडेन्ट बना तथा अवध में ब्रिटिश साम्राज्य में विलय में उसकी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही । वह अवध का पहला चीफ कमिश्नर बना । विद्रोह के समय उसने हैवलाक व कैम्पबेल के साथ मिलकर बड़ी कुशलता से विद्रोह दबा दिया । 1860 ई. में वह इंग्लैण्ड लौट गया तथा 1863 ई. में उसकी मृत्यु हो गई ।
10: बक्सर के युद्ध में मीर कासिम की सेना को पराजित करने वाली अंग्रेजी सेना का अध्यक्ष कौन था ?
(A) मेजर ह्यूम
(B) लॉर्ड क्लाइव
(C) सर आयरकूट
(D) मेजर मुनरो
बक्सर के युद्ध में मीर कासिम की सेना को पराजित करने वाला अंग्रेजी सेना का अध्यक्ष मेजर मुनरो था । यह युद्ध 1764 ई . में हुआ था । इस युद्ध में एक ओर मुगल सम्राट शाह आलम द्वितीय , अवध का नवाब शुजाउद्दौला तथा मीर कासिम थे तो दूसरी ओर अंग्रेजी सेना का नेतृत्व उनका कुशल सेनापति कैप्टन मुनरों कर रहा था । दोनों सेनाएँ बिहार में बलिया से लगभग 40 किमी दूर ' बक्सर ' नामक स्थान पर आमने - सामने हुईं । लगभग तीन घण्टे में ही युद्ध का निर्णय हो गया जिसकी बाजी अंग्रेजों के हाथ में रही ।
11: निम्नलिखित प्रथम आंग्ल-मराठा युद्ध 1775 -82 ई० से सम्बन्धित है-
1. बड़गाँव की सन्धि 2. पुरन्दर की सन्धि
3. सूरत की सन्धि 4. सालबाई की सन्धि
इनका सही कालानुक्रम निम्न कूट में से चुनिए-
कूट :
(A) 3, 2, 1, 4
(B) 2, 1, 3, 4
(C) 4, 2, 1, 3
(D) 1, 4, 3, 2
सही कालानुक्रम निम्नलिखित है-
सूरत की सन्धि - 1775 ई० में
पुरन्दर की सन्धि - मार्च 1776 ई० में
बड़गाँव की सन्धि - जनवरी 1779 ई० में
सालबाई की सन्धि - मई 1782 ई० में
12: पंजाब में बन्दा बहादुर के विद्रोह का कारण क्या था?
(A) मुगल अधिकारियों द्वारा किसानों का शोषण
(B) मुगलों द्वारा सिखों का धार्मिक उत्पीड़न
(C) बन्दा वहादुर की महत्त्वाकांक्षाएँ
(D) कराधान (राजस्व) की अधिकता
गुरु गोविन्द सिंह की मृत्यु के प्राय : डेढ़ वर्ष पश्चात् ही सम्पूर्ण पर्वी पंजाब में सिखों ने विद्रोह कर दिया । इस विद्रोह का नेता था बन्दा बैरागी । उसने अपने को सच्चा बादशाह ' घोषित किया, अपनी टकसाल चलाई और एक स्वतन्त्र सिख राज्य की स्थापना का प्रयल किया । सिखों का यह विद्रोह मुगलों के धार्मिक उत्पीडन के विरुद्ध था ।
13: आलमगीर द्वितीय को गद्दी पर बैठाने में, किसने महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की ?
(A) कमरुद्दीन खाँ
(B) सफदरजंग
(C) इमाद-उल-मुल्क
(D) गाजीउददीन
आलमगीर द्वितीय (1754-59 ई०) को निजामुलमुल्क के पुत्र गाजीउद्दीन ने दिल्ली के सिंहासन पर बैठाया । गाजीउददीन जो अहमदशाह के शासनकाल (1748-54 ई०) में वजीर था । वजीर का पद प्राप्त करने के बाद उचित अवसर पर गाजीउददीन ने बादशाह को अपदस्थ कर अन्धा कर दिया था । जहाँदार शाह के पौत्र अजीजुद्दीन को आलमगीर द्वितीय के नाम से गददी पर बैठाया । उसके शासनकाल की वास्तविक शक्ति वजीर गाजीउद्दीन के हाथों में थी । प्लासी का युद्ध इसी के काल में हुआ था तथा 1758 ई० में अब्दाली ने मथुरा में लूट-पाट की ।