1: नासिक में कुंभ मेला निम्न में किस नदी के तट पर लगता है-
(A) ताप्ती नदी
(B) नर्मदा नदी
(C) कोयना नदी
(D) गोदावरी नदी
नासिक में प्रत्यक 12 वर्ष के अंतराल पर कुंभ मेला गोदावरी नदी के तट पर लगता है। यह नासिक के अतिरिक्त हरिद्वार में गंगा तट परए प्रयाग में गंगा और यमुना व विलुप्त सरस्वतीष्ष् के संगम पर तथा उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर लगता है।
2: पुरी में ‘रथयात्रा’ किसके सम्मान में निकाली जाती है?
(A) भगवान विष्णु के
(B) भगवान राम के
(C) भगवान जगन्नाथ के
(D) भगवान शिव के
प्रतिवर्ष आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष में ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ ‘कृष्ण’, बलराम और सुभद्रा के सम्मान में रथयात्रा निकाली जाती है।
3: रामायण के किस कांड में राम और हनुमान की पहली भेंट का वर्णन है?
(A) किष्किन्धा कांड
(B) सुंदर कांड
(C) बाल कांड
(D) उपरोक्त में से कोई नहीं
रामायण के रचयिता बाल्मीकि थे। संस्कृृत भाषा में रचित इस आदि काव्य में कुल 7 कांड ‘अध्याय’ हैं। इसका चौथा कांड किष्किन्धा कांड है जिसमें राम और हनुमान की भेंट तथा बालि-वध एवं सुग्रीव के वानर शासक बनने का वर्णन है।
4: वह प्राचीन स्थल जहां 60000 मुनियों की सभा में सम्पूर्ण महाभारत कथा का वाचन किया गया था, है-
(A) अहिच्छत्र
(B) हस्तिनापुर
(C) काम्पिल्य
(D) नैमिषारण्य
उ0प्र0 के सीतापुर जनपद में नैमिषारण्य में 60000 मुनियों का निवास माना जाता है। यहीं पर सुत गोस्वामी ने सौनक एवं अन्य मुनियों के समक्ष सम्पूर्ण महाभारत कथा का वाचन तब किया था जब वे यज्ञ सम्पन्न कर रहे थे। इसके पूर्व महाभारत कथा का वाचन वैषम्पायन ने राजा जनमेजय के लिए किया था।
5: निम्नांकित में से कौन ‘प्रस्थानत्रयी’ में सम्मिलित नहीं है?
(A) भगवतगीता
(B) भागवत
(C) ब्रम्हसूत्र
(D) उपनिषद
उपनिषद, ब्रम्हसूत्र और भगवदगीता को वेदांत की ‘प्रस्थानत्रयी’ कहा जाता है, क्योंकि ये वेदांत के सर्वप्रमुख ग्रंथ हैं। इनमें भी उपनिषद मूल प्रस्थान है और शेष दो उन पर आधारित माने जाते हैं। वेदांत के आचार्याें में, जिन्होंने ब्रम्हसूत्र पर भाष्य लिखकर, अपने-अपने वेदांत संप्रदायों की प्रतिष्ठा की है, उनमें शंकराचार्य सबसे प्राचीन हैं।
6: निम्नलिखित में से कौन मोक्ष के साधन के रूप में जन्म, कर्म तथा भक्ति को समान महत्व देता है?
(A) अद्वैत वेदांत
(B) विशिष्टाद्वैतवाद वेदांत
(C) भगवदगीता
(D) मीमांसा
गीता में जन्म, कर्म तथा भक्ति को समान महत्व दिया गया है। भगवदगीता में भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा निम्नलिखित श्लोक में इन तीनों का महत्व प्रतिपादित किया गया है-
ये तु सर्वाणि कर्माणि मयि संन्यस्य मत्पराः।
अनन्येनैव योगेन मां ध्यायन्त उपासने।।
तेषामहं समुद्धर्ता मृत्युसंसार सागरात्।
भवामि नचिरात्पार्थ मयावेशिचेतसाम्।।
श्लोक के माध्यम से कर्म, भक्ति तथा जन्म की महत्ता को प्रतिपादित किया है। जबकि अद्वैत वेदांत में शंकराचार्य ने केवल ब्रम्ह को सत्य माना है, ईश्वर को नहीं। वेदांत में केवल भक्ति की प्रधानता है तथा विशिष्टाद्वैत वेदांत में भी केवल भक्ति को महत्व दिया गया है। मीमांसा केवल कर्म का प्रतिपादन करता है।
7: भारत में आस्तिक और नास्तिक संप्रदायों में कौन-सा विभेदक लक्षण है?
(A) ईश्वरी सत्ता में आस्था
(B) पुनर्जन्म के सिद्धांत में आस्था
(C) वेदों की प्रमाणिकता में आस्था
(D) स्वर्ग तथा नरक की सत्ता में विश्वास
छठीं शताब्दी ई0पू0 के संदर्भ में आस्तिक संप्रदाय वे होते थे, जो वेदों की प्रामाणिकता को मानते थे तथा नास्तिक संप्रदाय वे थे, जो वेदों की प्रामाणिकता को नहीं मानते थे।
8: विष्णु के किस अवतार को सागर से पृथ्वी का उद्धार करते हुए अंकित किया जाता है?
(A) कच्छप
(B) मत्स्य
(C) वाराह
(D) नरसिंह
भगवान विष्णु ने दैत्य राज हिरणाक्ष का वध करने के लिए वाराह रूप धारण किया था तथा उसके चंगुल से धरती को छुड़ाया था। पौराणिक चित्रों में वाराह भगवान धरती को अपने दांतों के उपर संतुलित कर सागर से निकलते हुए दर्शाए गए हैं। इस अवतार में मानव शरीर पर वाराह का सिर और चार हाथ है, जो कि भगवान विष्णु की तरह शंख,, चक्र, गदा और पद्म लिए हुए दैत्य हिरणाक्ष से युद्ध कर रहे हैं। अवतार क्रम में यह विष्णु का तीसरा अवतार माना गया है।
9: ‘बेसनगर अभिलेख’ का हेलियोडोरस कहां का निवासी था?
(A) पुष्कलावती
(B) तक्षशिला
(C) साकल
(D) मथुरा
भागवत धर्म से संबद्ध प्रथम उपलब्ध प्रस्तर स्मारक विदिशा का गरूड़ स्तंभ है। इससे पता चलता है कि तक्षशिला के यवन राजदूत हेलियोडोरस ने भागवत धर्म ग्रहण किया तथा इस स्तंभ की स्थापना करवाकर उसकी पूजा की थी। इस पर उत्कीर्ण लेख में हेलियोडोरस को भागवत तथा वासुदेव को अर्थात देवताओं का देवता कहा गया है।
10: भागवत धर्म का ज्ञात सर्वप्रथम अभिलेखीय साक्ष्य है-
(A) समुद्रगुप्त की प्रयाग प्रशस्ति
(B) गौतमी बलरी का नासिक अभिलेख
(C) बेसनगर का गरूड़ स्तंभ
(D) धनदेव का अयोध्या अभिलेख
भागवत धर्म से संबद्ध प्रथम उपलब्ध प्रस्तर स्मारक विदिशा का गरूड़ स्तंभ है। इससे पता चलता है कि तक्षशिला के यवन राजदूत हेलियोडोरस ने भागवत धर्म ग्रहण किया तथा इस स्तंभ की स्थापना करवाकर उसकी पूजा की थी। इस पर उत्कीर्ण लेख में हेलियोडोरस को भागवताश तथा वासुदेव को अर्थात देवताओं का देवता कहा गया है।
11: भागवत धर्म से संबंधित प्राचीनतम अभिलेखीय साक्ष्य है-
(A) समुद्रगुप्त का इलाहाबाद अभिलेख
(B) हेलियोडोरस का बेसनगर अभिलेख
(C) स्कंदगुप्त का भितरी स्तंभलेख
(D) महरौली स्तंभ अभिलेख
भागवत धर्म से संबद्ध प्रथम उपलब्ध प्रस्तर स्मारक विदिशा का गरूड़ स्तंभ है। इससे पता चलता है कि तक्षशिला के यवन राजदूत 'हेलियोडोरस' ने भागवत धर्म ग्रहण किया तथा इस स्तंभ की स्थापना करवाकर उसकी पूजा की थी। इस पर उत्कीर्ण लेख में हेलियोडोरस तथा वासुदेव को देवताओं का देवता कहा गया है।
12: हेलियोडोरस का बेसनगर अभिलेख संदर्भित है-
(A) संकर्षण तथा वासुदेव से
(B) संकर्षण तथा प्रद्युम्न से
(C) संकर्षण, प्रद्युम्न तथा वासुदेव से
(D) केवल वासुदेव से
भागवत धर्म से संबद्ध प्रथम उपलब्ध प्रस्तर स्मारक विदिशा ‘‘बेसनगर’’ का गरूड़ स्तंभ है। इससे पता चलता है कि तक्षशिला के यवन राजदूत हेलियोडोरस ने भागवत धर्म ग्रहण किया तथा इस स्तंभ की स्थापना करवाकर उसकी पूजा की थी। इस पर उत्कीर्ण लेख में हेलियोडोरस को ‘भागवत’ तथा वासुदेव को ‘देवदेवस’ अर्थात देवताओं का देवता कहा गया है।
13: भागवत संप्रदाय में भक्ति के रूपों की संख्या है-
(A) 7
(B) 8
(C) 9
(D) 10
भागवत संप्रदाय में मोक्ष प्राप्ति के लिए नवधा भक्ति को मान्यता दी गई है।
प्राचीन शास्त्रों में भक्ति के 9 प्रकार बताए गए हैं जिसे नवधा भक्ति कहते हैं।
श्रवणं कीर्तनं विष्णोः स्मरणं पादसेवनम्।
अर्चनं वन्दनं दास्यं सख्यमात्मनिवेदनम् ॥
14: निम्नलिखित में से किस देवता को कला में हल लिए प्रदर्शित किया गया है?
(A) कृष्ण
(B) बलराम
(C) कार्तिकेय
(D) मैत्रेय
भारतीय सांस्कृतिक परंपरा के अनुरूप कला में हल लिए कृष्ण के भाई बलराम को प्रदर्शित किया गया है। उन्हें हलधर के नाम से भी जाना जाता है।
15: वासुदेव कृष्ण की पूजा सर्वप्रथम किसने प्रारंभ की?
(A) भागवतों ने
(B) वैदिक आर्याें ने
(C) तमिलों ने
(D) आभीरों ने
वैष्णव धर्म का प्रारंभिक रूप भागवत धर्म के अन्तर्गत देवकी-पुत्र भगवान वासुदेव कृष्ण के पूजन में दर्शित होता है, जो संभवतः छठीं सदी ई0पू0 के पहले स्थापित हो चुका था। वासुदेव, जो कृष्ण प्रारंभिक नाम था, पाणिनि के युग में प्रचलित था। उस युग में वासुदेव की उपासना करने वाले ‘वासुदेवक’ ‘‘भागवत’’ कहे जाते थे।
16: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. वैष्णव धर्म का विकास भागवत धर्म से हुआ।
2. परम्परा के अनुसार इसके प्रवर्तक वृष्णि (सात्वत) वंशी कृष्ण थे जिन्हें वासुदेव का पुत्र होने के कारण वासुदेव कृष्ण कहा जाता है।
(A) केवल 1 सही है
(B) केवल 2 सही है
(C) 1 व 2 दोनों सही हैं
(D) इनमें से कोई नहीं
वैष्णव धर्म का विकास भागवत धर्म से हुआ। परंपरानुसार भागवत धर्म के प्रवर्तक वृष्टि (सात्वत) वंशी कृष्ण थे। इन्हें वासुदेव का पुत्र होने के कारण वासुदेव कृष्ण कहा जाता है। वे मूलतः मथुरा के निवासी थे। छांदोग्य उपनिषद में उन्हें देवकी-पुत्र कहा गया है,तथा घोर अंगिरस का शिष्य बताया गया है।
17: भागवत धर्म के प्रवर्तक थे-
(A) जनक
(B) कृष्ण
(C) याज्ञवल्क्य
(D) सूरदास
परंपरानुसार भागवत धर्म के प्रवर्तक वृष्णि ‘सात्वत’ वंशी कृष्ण थे जिन्हें वसुदेव का पुत्र होने के कारण वासुदेव कृष्ण कहा जाता है। वे मूलतः मथुरा के निवासी थे। छांदोग्य उपनिषद में उन्हें देवकी-पुत्र कहा गया है तथा घोर अंगिरस का शिष्य बताया गया है।
18: भागवत संप्रदाय के विकास में किसका योगदान अत्यधिक था?
(A) पार्थियन
(B) हिंद-यूनानी लोग
(C) कुषाण
(D) गुप्त
भागवत अथवा वैष्णव धर्म का चरमोत्कर्ष गुप्त राजाओं के शासनकाल में हुआ। गुप्त नरेश वैष्णव मतानुयायी थे तथा उन्होंने इसे अपना राजधर्म बनाया था। अधिकांश गुप्त शासक ‘परमभागवत’ की उपाधि धारण करते थे। विष्णु का वाहन ‘गरूड़’ गुप्तों का राजचिन्ह था।
19: निम्नलिखित में से कौन अलवार संत नहीं था?
(A) पोयगई
(B) तिरूज्ञान
(C) पूडम
(D) तिरूमंगई
पेायगई, पूडम एवं तिरूमंगई अलवार संत थे, जबकि 'तिरूज्ञान' अलवार संत नहीं थे।
20: नयनार कौन थे?
(A) शैव
(B) शाक्त
(C) वैष्णव
(D) सूर्याेपासक
पूर्व मध्यकाल में भक्ति भावना का प्रचार-प्रसार मुख्यतः दक्षिण भारत में विशेषकर तमिल भाषी क्षेत्र में हुआ। तमिल भाषी क्षेत्र में भक्ति भावना को लोकप्रिय बनाने में दो संप्रदायों की प्रमुख भूमिका रही। भगवान विष्णु की उपासना करने वाले विष्णु भक्त अलवार कहलाए और शिव की उपासना करने वाले शिव भक्त नयनार कहलाए। इन्होंने ईश्वर के प्रति व्यक्तिगत प्रेम और समर्पण से मोक्ष प्राप्ति का मार्ग बताया और जाति प्रथा एवं इसकी कठोरता का विरोध किया।
21: अर्धनारीश्वर मूर्ति में आधा शिव तथा आधा पर्वती प्रतीक है-
(A) पुरूष और नारी का योग
(B) देवता और देवी का योग
(C) देव और उसकी शक्ति का योग
(D) उपरोक्त किसी का नहीं
प्राचीन काल में अर्द्धनारीश्वर के रूप में भी शिव की कल्पना की गई, जो पुरूष एवं प्रकृति अथवा देव और उसकी शक्ति के योग को दर्शाता है। शिव और पार्वती की संयुक्त मूर्तियां गुप्त-युग में और उसक परवर्ती युग में विशेष रूप से उकेरी गई। इसी संयोग का वर्णन कालिदास ने कुमारसंभवम् में अत्यंत यत्नपूर्वक किया है। शिव और पार्वती का परस्पर इतना तादात्म्य हुआ कि दोनों की सन्निहित मूर्ति ‘अर्द्धनारीश्वर’ के रूप में समाज में चल पड़ी।
22: निम्नलिखित में से कौन-सा प्राचीन भारत में शैव संप्रदाय था?
(A) आजीवक
(B) मत्तमयूर
(C) मयमत
(D) ईशानशिवगुरू
'चेदि राजवंश' के अभिलेखों में मत्तमयूर नामक शैव संप्रदाय का उल्लेख मिलता है।
23: प्राचीन भारत के विश्वोत्पत्ति विषयक धारणाओं के अनुसार, चार युगों के चक्र का क्रम इस प्रकार है-
(A) द्वापर, कृत, त्रेता और कलि
(B) कृत, द्वापर, त्रेता और कलि
(C) कृत, त्रेता, द्वापर और कलि
(D) त्रेता, द्वापर, कलि और कृत
प्राचीन भारत की विश्वोत्पत्ति विषयक धारणाओं के अनुसार, चार युगों के चक्र का क्रम इस प्रकार है-कृत (सतयुग), त्रेता, द्वापर एवं कलियुग।
24: महान धार्मिक घटना, महामस्तकाभिषेक, निम्नलिखित में से किससे संबंधित है और किसके लिए की जाती है?
(A) बाहुबली
(B) बुद्ध
(C) महावीर
(D) नटराज
महामस्तकाभिषेक, जैन धर्म का एक महत्वपूर्ण उत्सव है, जो 12 वर्ष के अन्तराल पर कर्नाटक राज्य के श्रवणबेलगोला में आयोजित किया जाता है। यहां पर भगवान ‘‘संत’’ गोमतेश्वर बाहुबली की 18 मी0 उंची मूर्ति स्थापित है। वर्ष 2006 में महामस्तकाभिषेक हो चुका है, जो अब वर्ष 2018 में होगा।
25: श्रवणबेलगोलला में गोमतेश्वर की विशाल प्रतिमा किसने स्थापित करवाई थी?
(A) चामुंडराय ने
(B) कृष्ण प्रथम ने
(C) कुमार पाल ने
(D) तेजपाल ने
श्रवणबेलगोला कर्नाटक राज्य में स्थित है। यहां गंग शासक रचमल्ल के शासनकाल में चामुंडराय नामक मंत्री ने लगभग 983 ई0 में बाहुबली की विशालकाय जैन मूर्ति का निर्माण कराया। बाहुबली प्रथम जैन तीर्थंकर ऋषभदेव के पुत्र माने जाते हैं। अन्य तीनों कथन सही हैं।
26: निम्नलिखित में से कौन-सा एक कथन सही नहीं है?
(A) श्रवणबेलगोला स्थित गोमतेश्वर की प्रतिमा जैनियों के अंतिम तीर्थंकर को दर्शाती है।
(B) भारत का सबसे बड़ा बौद्ध मठ अरूणाचल प्रदेश में है।
(C) खजुराहों के मंदिर चंदेल राजाओं द्वारा बनवाए गए।
(D) होयसलेश्वर मंदिर शिव को समर्पित है।
श्रवणबेलगोला कर्नाटक राज्य में स्थित है। यहां गंग शासक रचमल्ल के शासनकाल में चामुण्डराय नामक मंत्री ने लगभग 983 ई0 में बाहुबली ‘‘गोमट’’ की विशालकाय जैन मूर्तियों का निर्माण कराया। बाहुबली प्रथम जैन तीर्थंकर ऋषभदेव के पुत्र माने जाते हैं। अन्य तीनों कथन सही है।
27: उत्तर प्रदेश में बौद्ध एवं जैनियों दोनों की प्रसिद्ध तीर्थस्थली है-
(A) सारनाथ
(B) कौशाम्बी
(C) कुशीनगर
(D) देवीपाटन
इलाहाबाद के दक्षिण-पश्चिम में लगभग 33 मील की दूरी पर स्थित कोसम नामक स्थान ही प्राचीन काल का कौशाम्बी था। वैदिक एवं जैन साहित्य में अनेक बार कौशाम्बी का उल्लेख हुआ है। पुराणों के अनुसार, हस्तिनापुर के राजा निचक्षु ने हस्तिनापुर के गंगा के प्रवाह में बह जाने के बाद इस नगर की स्थापना करवाई थी।
28: बराबर की गुफाओं का उपयोग किसने आश्रयगृह के रूप में किया?
(A) आजीविकों ने
(B) थारूओं ने
(C) जैनों ने
(D) तांत्रिकों ने
मौर्य युग में पर्वत गुफाओं को काटकर निवास बनाने की कला का पूर्ण विकास हुआ। अशोक तथा उसके पौत्र दशरथ के समय में बराबर तथा नागार्जुनी पहाड़ियों को काटकर आजीविकों के लिए आवास बनाए गए थे। अशोक के समय बराबर पहाड़ी की गुफाओं में ‘सुदामा की गुफा’ तथा ‘कर्ण चैपड़’ नामक गुफा सर्वप्रसिद्ध है।
29: संप्रदाय, जो नियति की अटलता में विश्वास करता था-
(A) जैन
(B) आजीवक
(C) चार्वाक
(D) बौद्ध
मक्खलिगोसाल प्रारंभ में महावीर के शिष्य थे, किन्तु बाद में मतभेद के चलते इन्होंने महावीर की शिष्यता त्यागकर, आजीवक नामक स्वतंत्र संप्रदाय की स्थापना की। यह संप्रदाय लगभग 1002 ई0 तक बना रहा। इनका मत ‘नियतिवाद’ कहा जाता है जिसके अनुसार, संसार की प्रत्येक वस्तु भाग्य द्वारा पूर्व नियंत्रित एवं संचालित होती है।
30: निम्नलिखित मेंसे किसने प्रतिपादित किया कि भाग ही सब कुछ निर्धारित करता है, मनुष्य असमर्थ होता है?
(A) जैनियों ने
(B) बौद्धों ने
(C) आजीवकों ने
(D) मीमांसकों ने
31: ‘आजीवक’ संप्रदाय के संस्थापक थे-
(A) आनंद
(B) राहुलभद्र
(C) मक्खलिगोसाल
(D) उपालि
मक्खलिगोसाल प्रारंभ में महावीर के शिष्ट थे, किन्तु बाद में मतभेद के चलते इन्होंने महावीर की शिष्यता त्यागकर, आजीवक नामक स्वतंत्र संप्रदाय की स्थापना की। यह संप्रदाय लगभग 1002 ई0 तक बना रहा। इनका मत ‘नियतिवाद’ कहा जाता है जिसके अनुसार, संसार की प्रत्येक वस्तु भाग्य द्वारा पूर्व नियंत्रित एवं संचालित होती है।
32: प्राचीन जैन धर्म के संबंध में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक सही है?
(A) दक्षिण भारत में जैन धर्म का प्रचार आचार्य भद्रबाहु एवं उनके शिष्यों द्वारा हुआ था।
(B) जैन धर्म की प्रथम महासभा वैशाली में हुई।
(C) जैन धम्र को कलिंग के राजा खारवेल का समर्थन नहीं मिला।
(D) जैन धर्म हिंसा का समर्थक था।
दक्षिण भारत में जैन धर्म का प्रचार आचार्य भद्रबाहु एवं उनके शिष्यों द्वारा हुआ था। भद्रबाहु के समर्थक दिगंबर कहलाए, इन्होंने पाटलिपुत्र में आयोजित जैन धर्म की प्रथम महासभा में भाग नहीं लिया था। जबकि कलिंग का चेदि वंशीय शासक खारवेल जैन धर्म का अनुयायी था, उसने जैन साधुओं को संरक्षण प्रदान किया और उनके निर्वाह के लिए प्रभूत दान दिए तथा उनके रहने के लिए आरामदायक निवास स्थान बनवाए।
33: जैन संप्रदाय में प्रथम विभाजन के समय श्वेतांबर संप्रदाय के संस्थापक थे-
(A) स्थूलभद्र
(B) भद्रबाहु
(C) कालकाचार्य
(D) देवर्धि-क्षमा श्रमण
मौर्य काल में मगध में अत्यंत भीषण दुर्भिक्ष पड़ा, फलतः वहां रहने वाले जैन संघ के भद्रबाहु श्रुतकेवली अपने अनुयायियों को लेकर दक्षिण चले गए। जैन संघ का यह भाग दक्षिण मैसूर के पुण्णाट प्रदेश में बस गया।
34: निम्नलिखित में से कौन-सा आरंभिक जैन साहित्य का भाग नहीं है?
(A) थेरीगाथा
(B) आचारांगसूत्र
(C) सूत्रकृतांग
(D) बृहत्कल्पसूत्र
थेरीगाथा बौद्ध साहित्य है, इसमें 32 बौद्ध कवयित्रियों की कविताएं संकलित हैं। कुल थेरीगाथाएं 522 हैं। आचारांगसूत्र, सूत्रकृतांग और बृहत्कल्पसूत्र आरंभिक जैन साहित्य के भाग हैं।
35: प्रारंभिक जैन साहित्य निम्नलिखित में से किस भाषा में लिखे गए?
(A) अर्द्ध-मागधी
(B) पाली
(C) प्राकृत
(D) संस्कृत
प्रायः सभी प्रारंभिक धार्मिक जैन साहित्य प्राकृत की विशिष्ट शाखा अर्ध-मागधी मंे लिखा गया है। इसके बारह अंग अर्ध-मागध्ी में ही हैं। बाद में जैन धर्म ने प्राकृत भाषा को अपनाया। ये ग्रंथ ईसा की छठीं शताब्दी में गुजरात में वल्लभी नामक स्थान पर अंतिम रूप से संकलित किए गए। आज जैन साहित्य लगभग सभी भाषाओं में अनूदित है।
36: 'यापनीय' किसका एक संप्रदाय था?
(A) बौद्ध धर्म का
(B) जैन धर्म का
(C) शैव धर्म का
(D) वैष्णव धर्म का
‘यापनीय’ जैन धर्म का एक संप्रदाय था जिसकी उत्पत्ति यद्यपि दिगंबर संप्रदाय से हुई थी तथापि ये कतिपय श्वेतांबर मान्यताओं का भी पालन करते थे।
37: निम्नलिखित में से कौन-सा धर्म ‘विश्व विनाशकारी प्रलय’ की अवधारणा में विश्वास नहीं करता?
(A) बौद्ध धर्म
(B) जैन धर्म
(C) हिंदू धर्म
(D) इस्लाम
जैन धर्म में ईश्वर की कल्पना नहीं की गई है। जगत की सृष्टि नहीं की गई है, उनके अनुसार संसार नित्य और शाश्वत है। इसमें किसी समय प्रलय नहीं होता है।
38: 'स्यादवाद' सिद्धांत है-
(A) लोकायत धर्म का
(B) शैव धर्म का
(C) जैन धर्म का
(D) वैष्णव धर्म का
महावीर स्वामी जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे, इन्होंने वेदों की अपौरूषेयता स्वीकार करने से इंकार कर दिया तथा धार्मिक-सामाजिक रूढ़ियों एवं पाखंडों का विरोध किया। उन्होंने आत्मवादियों तथा नास्तिकों के एकांतिक मतों को छोड़कर बीच का मार्ग अपनाया जिसे ‘अनेकांतवाद’ अथवा ‘स्यादवाद ’ कहा गया। स्यादवाद को सप्तभंगी नय के नाम से भी जाना जाता है। यह ज्ञान की सापेक्षता का सिद्धांत है।
39: 'त्रिरत्न सिद्धांत' सम्यक धारण, सम्यक चरित्र एवं सम्यक ज्ञान में जिस धर्म की महिमा का वर्णन है -
(A) बौद्ध धर्म
(B) ईसाई धर्म
(C) जैन धर्म
(D) उक्त में से कोई नहीं
जैन धर्म में मोक्ष के लिए तीन साधन आवश्यक बताए गए हैं-सम्यक धारण, सम्यक चरित्र एवं सम्यक ज्ञान-इन तीनों को जैन धर्म में ‘त्रिरत्न’ की संज्ञा दी गई है।
40: महावीर जैन की मृत्यु निम्नलिखित में से किस नगर में हुई?
(A) राजगीर
(B) सांची
(C) पावापुरी
(D) समस्तीपुर
527 ई0पू0 के लगभग 72 वर्ष की आयु में राजगृह ‘‘राजगीर’’ के समीप स्थित पावापुरी नामक स्थान पर महावीर स्वामी ने शरीर त्याग दिया।
41: महावीर स्वामी का जन्म कहां हुआ था?
(A) कुंडग्राम में
(B) पाटलिपुर में
(C) मगध में
(D) वैशाली में
महावीर स्वामी का जन्म कुंडग्राम या कुंडलपुर में ‘‘वैशाली के निकट’’ लगभग 599 ई0पू0 में हुआ था। उनकी माता त्रिशला वैशाली के लिच्छवि गणराज्य के प्रमुख चेटक की बहन थीं तथा पिता सिद्धार्थ ज्ञातृक क्षत्रियों के संघ के प्रधान थे, उसकेन बड़े भाई नंदिवर्धन थे।
42: बौद्ध तथा जैन दोनों ही धर्म विश्वास करते हैं कि-
(A) कर्म तथा पुनर्जन्म के सिद्धांत सही हैं
(B) मृत्यु के पश्चात ही मोक्ष संभव है
(C) स्त्री तथा पुरूष दोनों ही मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं
(D) जीवन में 'मध्यम मार्ग' सर्वश्रेष्ठ है
बुद्ध तथा महावीर दोनों ही छठीं शताब्दी ई.पू. की धार्मिक क्रांति के अग्रदूत थे। इन दोनों ने वैदिक कर्मकाण्डों तथा वेदों की अपौरूषेयता का समान रूप से विरोध किया। अहिंसा तथा सदाचार पर दोनों ने बल दिया तथा दोनों ही कर्मवाद, पुनर्जन्म तथा मोक्ष में विश्वास रखते थे।
43: निम्नलिखित मे से कौन-सी बात बौद्ध धर्म तथा जैन धर्म में समान नहीं है?
(A) अहिंसा
(B) वेदों के प्रति उदासीनता
(C) आत्म दमन
(D) रीति-रिवाजों की अस्वीकृति
तप, आत्म दमन और भोग की अति का परिहार एवं मध्यम मार्ग का अनुसरण केवल बौद्ध धर्म में किया गया था जैन धर्म में नहीं। जबकि वेदों की प्रामाण्यता के प्रति अनास्था, कर्मकाण्डों की फलवत्ता का निषेध एवं प्राणियों की हिंसा का निषेध दोनों धर्माें में किया गया है।